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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने माननीय न्यायमूर्ति श्रीमती दया चैधरी, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में माध्यमिक शिक्षा विभाग के समन्वय के साथ राष्ट्रीय संविधान दिवस के अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन किया।

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पंचकूला, 26 नवंबर- हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने माननीय न्यायमूर्ति श्रीमती दया चैधरी, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय और कार्यकारी अध्यक्ष हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में माध्यमिक शिक्षा विभाग के समन्वय के साथ राष्ट्रीय संविधान दिवस के अवसर पर एक वेबिनार का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम की शुरूआत माननीय न्यायमूर्ति के संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने न्यायिक अधिकारीगण, जिला शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, छात्रों आदि को वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि हमारा संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को ध्यान में रखते हुए देश का मार्गदर्शन और शासन करने के लिए एक व्यापक और गतिशील ढांचा प्रदान करता है। सम्पूर्ण राष्ट्र को संप्रभुता, बंधुत्व, समानता, स्वतंत्रता, एकता और न्याय की दिशा में बांधने में इसका बड़ा महत्व है। यह कई विशेषताओं के साथ एक विशिष्ट दस्तावेज है।
डाॅ0 बी0आर0 अम्बेडकर संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाने जाते थे जिनके नेतृत्व में मसौदा समिति के अनगिनत प्रयासों के बाद भारतीय संविधान प्रस्तुत किया गया। इसे पूरा करने में 02 वर्ष 11 माह व 18 दिन लग गए और 26 नवम्बर, 1949 को अपनाया गया तथा 26 जनवरी 1950 को प्रभावी किया गया जिस दिन को भारत प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।
उन्होंने आगे कहा कि संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है जो लोगों के लिए न्याय, स्वतंत्रता और समानता को सुरक्षित रखने और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए एकता और अखण्डता के लिए प्रतिबद्ध है। संविधान के गठन ने देश को एकजुट किया है और विभिन्न जातियों, रंग, लिंग, धर्म, नस्ल आदि के बावजूद सभी नागरिकों में समानता और सद्भाव का संदेश दिया है। हमारे संविधान ने समाज में सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक वर्जनाओं से परे सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार किया है। भारतीय संविधान में नागरिकों को समाज में समानता व सम्मान के साथ जीने के लिए मौलिक अधिकारों को निहित किया गया है।
इसके अलावा, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने आज आम लोगों में जागरूकता को बढावा देने के उद्देश्य से कानूनी सेवाओं पर एक संक्षिप्त एनिमिटेड वीडियो लाॅन्च किया है। वीडियों को इस उद्देश्य के साथ बनाया गया है कि लोगों पर इसका लम्बे समय तक प्रभाव रहेगा। वीडियो स्पष्ट रूप से कानूनी सहायता केा लागू करने के लिए पात्रता मानदण्ड को दर्शाता है। वीडियो को अधिकतम प्रचार के लिए सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा।
इसके अलावा इस समारोह के दौरान श्री प्रमोद गोयल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती डाॅ0 सुखदा प्रीतम, मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट/संयुक्त सदस्य सचिव, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री नन्द किशोर वर्मा, सहायक निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, हरियाणा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट््स/सचिवगण तथा हालसा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों एवं शिक्षा विभाग के कर्मचारीगण आदि मौजूद रहे। इस वेबिनार में लगभग 4000 लोग उपस्थित हुए।