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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

खुशी है कि मर्द भी मेरी किताबें पसंद करते हैं: चित्रा बैनर्जी

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चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। लिटराटी-2020 में फेस्टिवल के समापन सेशन लेखिका चित्रा बैनर्जी और आईएएस सुमिता मिश्रा के बीच रहा। इसका विषय उनकी किताबों पर आधारित सीता टू जिंदां रहा। सुमिता ने चित्रा से उनके कोलकाता से ग्रेजुएशन करने के बाद यूएसए में सेटल होने से जुड़ा सवाल पूछा। चित्रा ने कहा कि उस दौरान कोई और चारा नहीं था। मेरा भाई अकेला अमेरिका में रहता था। वो 1970 का वक्त था। केवल किताबों में अमेरिका के बारे में पढ़ा था। वहां गई, तो खुद को वहां से बिल्कुल अलग पाया। वहां पीएचडी करने के दौरान,मॉल में काम भी किया। साड़ी पहन कर मॉल जाती थी। लोग गाड़ियां रोक कर मेरा पहनावा देखेते थे, वो हैरान होते थे साड़ी को देखकर। हालांकि मुझे हमेशा अपने भारतीय होने पर गर्व रहा।यहां रहते हुए ही मैंने इमिग्रेशन की कहानियों को किताब का रूप दिया। मुझे खुशी भी होती है कि मेरी किताबें, मर्द भी पढ़ते हैं। और चाहती हूं कि मर्द भी दिल खोलकर महिलाओं को समझने की कोशिश करें। एक मजबूत महिला तभी कामयाब होती है, जब हर कोई उसे समझता है। अमेरिका रहते हुए भी, मैंने भारतीय कहानियों को अपने बच्चों से जोड़ा। उन्हें रोज रात को महाभारत-रामायण से जुड़ी कहानियां सुनाती थी। क्योंकि मुझे भी मेरे दादा-नाना से यही सुनने को मिली। अमेरिका में चित्रा समाज सेवा से जुड़ी, जहां वह भारतीय महिलाओं की शादी के बाद तालाक की स्थिती में मदद करती हैं। चित्रा ने कहा कि विदेश में भारतीय महिलाओं के लिए मुश्किल होती है। वो किसी अंग्रेज के सामने अपनी स्थिती नहीं रख सकती। ऐसे में हमारी संस्था मदद करती है। दरअसल, पीएचडी करने के दौरान भी मैं यहां ये स्थिती देखती थी। ऐसे में इस संस्था को शुरू किया। सीता-द्रोपदी जैसे किरदारों पर लिखने पर चित्रा ने कहा कि उन्हें अच्छे से समझाने के लिए ही उनपर लिखा। उन किरदारों को मजबूती से महिलाओं में उतारना मेरा मकसद रहा। मैं इन किरदारों को लिखने से पहले पूरी तरह उनके इतिहास में नहीं उतरती। इससे मैं एक सोच में नहीं बंधती। हालांकि बाद में रिसर्च करती ही हूं। चित्रा ने कहा कि जनवरी -2021 में उनकी किताब द लास्ट क्वीन भी प्रकाशित होगी। जो महारानी जिंदां के जीवन पर आधारित है। चित्रा ने कहा कि इसे लिखने की प्रेरणा उन्हें कोहीनूर की कहानी पढऩे के दौरान मिली। इस किताब को भी मैंने एक मजबूत औरत की तरह दिखाया है जहां महारानी जिंदां का मजबूत पक्ष सामने रखगी।