स्ट्रोक का समय पर उपचार लाइफ़ सेविंग :डॉ अजय
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। जीरकपुर, ”स्ट्रोक की रोकथाम व इसका इलाज किया जा सकता है, हालांकि स्ट्रोक के कुछ सामान्य लक्षणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि समय पर उपचार लाइफ़ सेविंग हो सकता है।”वल्र्ड स्ट्रोक डे के मौके पर बोलते हुए डॉ अजय पंवर, स्ट्रोक के सलाहकार व इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजिस्ट, एमकेयर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, जीरकपुर ने कहा कि समय पर स्ट्रोक के उपचार से रिकवरी की संभावना बेहतर होती है। उन्होंने कहा, ”यदि कोई स्ट्रोक शुरू होने के तुरंत बाद कॉम्प्रीहिन्सिव स्ट्रोक केंद्र में पहुँच जाता है, तो उसकी आजीवन विकलांगता या मृत्यु को रोका जा सकता है। स्ट्रोक दुनिया भर में मौत के सबसे मुख्य कारणों में से एक है। यह आजीवन विकलांगता का एक महत्वपूर्ण कारण है।”उन्होंने कहा, ”इलाज में देरी होने पर लाखों न्यूरॉन्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और मस्तिष्क के अधिकतर कार्य प्रभावित होते हैं। इसलिए, रोगी को समय पर चिकित्सा सहायता प्रदान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि स्ट्रोक होने पर शीघ्र बहुआयामी उपचार की आवश्यकता होती है।” डॉ अजय ने बताया , स्ट्रोक रक्त वाहिकाओं में थक्के बनने (इस्कीमिक स्ट्रोक) या रक्त वाहिकाओं के फटने (रक्तस्रावी स्ट्रोक) के कारण होता है। इसके कारण मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। हालांकि 87 प्रतिशत स्ट्रोक इस्कीमिक होते हैं, और उनमें से अधिकतर स्ट्रोक का इलाज किया जा सकता है। इस अटैक के लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है जैसे – किसी व्यक्ति के चेहरे, हाथ, आवाज और समय (एफएएसटी) में परिवर्तन होने पर उस पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। चेहरे का असामान्य होना जैसे, मुंह का लटकना, एक हाथ का नीचे लटकना और अस्पश्ट आवाज स्ट्रोक के कुछ सामान्य लक्षण हैं और समय पर उपचार होने पर इसे होने से रोकने में मदद मिल सकती है।