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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रवि इंदर सिंह मुसीबत में, डायलिसिस के सहारे जीवित 82 वर्षीय बहन ने लगाया जमीन कब्जाने का आरोप

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पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रवि इंदर सिंह मुसीबत में, डायलिसिस के सहारे जीवित 82 वर्षीय बहन ने लगाया जमीन कब्जाने का आरोप
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री।

शिरोमणि अकाली दल (बादल) के पूर्व वरिष्ठ नेता रवि इंदर सिंह पर, जो दो बार पंजाब विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं, और जो अब शिरोमणि अकाली दल (1920) का नेतृत्व कर रहे हैं, उनकी 82-वर्षीय बहन रूपिंदर कौर ने उन्हें परेशान करने और पुश्तैनी कृषि भूमि के अपने हिस्से को बेचने के उनके प्रयासों को रोकने के लिए अपने आधिकारिक रुतबे का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। यह जमीन मोरिंडा, जिला रूपनगर में है। रूपिंदर कौर दिल्ली में रहती हैं और किडनी की मरीज होने के चलते डायलिसिस के सहारे जीवित हैं।रूपिंदर कौर ने कहा,दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, मैं अपने नाम वाली 45 एकड़ जमीन बेचने की कोशिश कर रही हूं। इस जमीन पर मेरा हक है और मैं अपनी मर्जी से इसे बेचना चाहती हूं। रूपिंदर ने आगे कहा, हाल ही में जब मैं अपने हिस्से की 30 एकड़ जमीन एक खरीदार दविंदर सिंह सोहल को मोरिंडा तहसील में एक सेल डीड के जरिये बेचने की कोशिश कर रही थी, तो मेरे भाई द्वारा भेजे गये एक अवतार सिंह सिद्धू के इशारे पर पुलिस ने बिना किसी वैध कारण के खरीदार, मेरे प्रतिनिधि और यहां तक कि 80-वर्षीय एक वरिष्ठ नागरिक, जिनके पास मेरी पॉवर ऑफ अटॉर्नी है, के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज की गयी। बीमारी और वृद्धावस्था के कारण मैं वहां जा नहीं सकती। ऐसे में, मुख्यमंत्री से मेरा अनुरोध है कि मुझे डराने के उद्देश्य से की गयी इस आधारहीन प्राथमिकी को रद्द करने का आदेश दें। उल्लेखनीय है कि सिद्धू पंजाब के मौजूदा कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के ओएसडी हैं।रूपिंदर ने आगे कहा, मैं पंजाब के सीएम से कहना चाहती हूं कि वह डायलिसिस के सहारे जीवित एक वरिष्ठ नागरिक महिला के उत्पीडऩ के मामले की जांच करने के लिए उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा स्वतंत्र जांच कराये जाने का आदेश दें। मैं सीएम से इस बात की भी मांग करती हूं कि चरणजीत चन्नी की भूमिका की जांच भी करायें कि उनका ओएसडी इस मामले में गैरकानूनी कार्य कर रहा है। गौरतलब है कि पंजाब सरकार में मौजूदा कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के राजनीतिक सलाहकार के रूप में अवतार सिंह सिद्धू ने यह जमीन खरीदने के लिए 2016 में रूपिंदर कौर से संपर्क किया था। तब चन्नी विपक्ष के नेता थे। खरीदी का यह एग्रीमेंट रद्द हो गया, क्योंकि सिद्धू ने रूपिंदर कौर को बयाने के रूप में 10 लाख रुपये का जो चैक दिया था, उसे कभी भुनाया ही नहीं गया। साथ ही, सेल डीड में अवतार सिंह सिद्धू ने गलत ब्यौरा दिया था।जब भी मैं अपने हिस्से की जमीन बेचने की कोशिश करती हूं, सिद्धू बीच में आकर अड़ंगा डाल देता है, रूपिंदर कौर ने कहा, मेरे पास यह साबित करने के लिए उचित दस्तावेज हैं कि मेरे माता-पिता ने परिवारिक जमीन का एक चौथाई हिस्सा मेरे नाम किया था और माता-पिता के निधन के बाद यह हिस्सा आधा हो गया। स्पीकर पद पर रह चुका मेरा भाई रवि इंदर सिंह झूठ बोलता है कि मेरे पास कोई जमीन नहीं है। इसके लिए उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि इतने वर्षों में उसने धोखाधड़ी करके मेरे हिस्से की जमीन से होने वाली आमदनी में से एक रुपया भी नहीं दिया, जबकि यह मेरा कानूनी अधिकार है।