काव्यगोष्ठी में कविताओं के साथ साथ पुस्तक पर भी चर्चा*
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री।
अखिल भारतीय साहित्य संघ की आज ऑनलाइन काव्य गोष्टी हुई जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर वरिष्ठ साहित्यकार केदारनाथ जी केदार ने अपनी उपस्थिति रखी। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष थे वरिष्ठ साहित्यकार प्रेम विज। गोष्ठी का संचालन राशि श्रीवास्तव ने किया। इस गोष्ठी में नीरू मित्तल नीर की पुस्तक ‘अनकहे शब्द’ की समीक्षा भी की गई।मुख्य अतिथि के रूप में भाषण देते हुए केदारनाथ जी केदार ने कहा कि अखिल भारतीय साहित्य संघ द्वारा जो ज्योत जलाई गई है वह साहित्य के क्षेत्र में दूर तक उजाला करेगी। नीरू मित्तल ‘नीर’ की पुस्तक की समीक्षा करते हुए प्रेम विज जी ने कहा कि कवियत्री ने जिंदगी और समाज को खुली आंखों से देखा है। संग्रह में 91 कविताएं हैं। कवियत्री कहती हैं कि ‘गुलदस्ते के फूल नहीं मधुबन की बहार देखो, कांटे तो हैं बगिया में पर फूलों की पुकार देखो।’ इस काव्य संग्रह का कला पक्ष भी बेहद प्रभावशाली है तथा इसमें उचित रूप से छंदों और प्रतीकों का प्रयोग किया गया है।