वेबिनार के मुख्य अतिथि गुजरात के माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी थे। प्रो आर.के. सिंगला DUI, पंजाब विश्वविद्यालय ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया और पंजाब विश्वविद्यालय की ओर से गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रो राज कुमार कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय में हमने विभाग स्तर पर NEP 2020 के कार्यान्वयन के बारे में विचार-मंथन प्रारम्भ कर दिया है और इस के लिए गंभीर एवं युद्धस्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। “हम नीति के संबंध में हम पंजाब विश्वविद्यालय की बौद्धिक क्षमताओं का इष्टतम उपयोग करना चाहते हैं। पंजाब विश्वविद्यालय का प्रत्येक विभाग यह योजना बना रहा हैं कि इस नीति को इसकी श्रेष्ठ आत्मा में कैसे लागू किया जा सकता है। चूँकि हमारा यह विश्वविद्यालय मानविकी से लेकर चिकित्सा विज्ञान तक के प्रत्येक शैक्षणिक क्षेत्र में काम करता है और इस प्रकार के विषय केंद्रित विचारों के मंथन के परिणाम पूरे भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं ।” उन्होंने कहा
वेबिनार के मुख्य अतिथि आचार्य देवव्रत उन्होंने बताया कि एनईपी के बारे में राष्ट्रव्यापी स्तर पर यह हमारे लिए समझने का समय है कि देश भर में इसके विभिन्न कारकों को किस आकार पर प्रभाव में लाया जायेगा , इस एनईपी में कई अच्छे तत्व हैं जैसे इसमें समस्या और लक्ष्य अच्छी तरह से स्पष्ट किये गए हैं; यह साक्ष्य आधारित नीति है और विभिन्न हितधारकों द्वारा व्यापक समर्थन के साथ सारगर्भित की गई है।’अनुपम सोच और विकास चिंतन’ ‘मनुष्य को मानव बनाने की परंपरा का भाव इस शिक्षा नीति में समाहित है’ एनईपी 2020 में किए गए सुधार न केवल परिवर्तनकारी हैं, बल्कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली के बहुत जरूरी व्यापक बदलाव का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सुधार एनईपी 2020 के अभिन्न अंग के रूप में आते हैं और इस नीति की दृष्टि को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि एनईपी में सभी लक्ष्यों को धन की आवश्यकता नहीं है। एनईपी के कई परिवर्तन ऐसे हैं जो प्रभावी शिक्षक-शिक्षण प्रक्रियाओं, शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अपना कर एटीट्यूडिनल परिवर्तनों की आवश्यकता को प्राप्त करते हैं। उन्होंने आशा जताई की इस नीति से हमारी स्किल आधारित शिक्षा तथा बुनियादी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसमें शिक्षा से लेकर सभी को सस्ती और कौशल विकास शिक्षा जैसे कई गुण हैं, लेकिन वहीं इसका कार्यान्वयन भी चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने इसके व्यापक रूप को समझने और लागू करने पर जोर दिया। माननीय राज्यपाल , गुजरात ने इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पंजाब विश्वविद्यालय की बहुत सराहना की।
वेबिनार की पृष्ठ भूमि डा अनीश स्लॉथ ने रखी, धन्यवाद प्रस्ताव शेफ जसविंदर सिंह ने किया तथा मंच का संचालन प्रो प्रशांत गौतम ने किया