ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी ने कहा की सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2020 अखबार वालों के विरुद्ध है जिसका विरोध करते हुए श्री शास्त्री जी ने इस नीति को तत्काल रोक लगाने की प्रधानमंत्री से मांग की
साथ ही यह भी कहा कि ज्ञापन ब्यूरो आॅफ आउटरीच कम्यूनिकेशन (डीएवीपी) के महानिदेशक द्वारा जारी विज्ञापन नीति एकदम मनमानी है। यदि इस नीति को तत्काल नहीं रोका गया तो देश भर के हजारों प्रकाशको एवं एसोसिएशन के देशभर के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा डीएवीपी आफिस पर एकत्रित होकर इस नीति का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
शास्त्री जी ने कहा है कि देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है और राष्ट्रव्यापी लाॅकडाडन के कारण प्रिंट मीडिया क्षेत्र संकटकालीन और बदहाली व लड़खड़ाते दौर से गुजर रहा है, ऐसे में नई विज्ञापन नीति जारी करना गला घोटने जैसा है। नई विज्ञापन नीति देश के चौथे स्तंभ पर सीधा प्रहार करने और उसे दबाने की खड़यंत्र कारी साजिश है।
शास्त्री जी ने इस नीति को लघु एवं मझोले समाचार पत्रों पर यह कुठाराघात बताया और इसे सरकार को बदनाम करने की सोची-समझी रणनीति बताई और डीएवीपी द्वारा जारी प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2020 का देश भर के प्रकाशकों के विरुद्ध है। डीएवीपी अपनी 2016 में जारी विज्ञापन नीति में की गई मनमानी से संतुष्ट नहीं हुई तो 2020 में नई नीति जारी कर दी, जो सरासर अन्याय है।