Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

भारतीय उद्योग के लिये नीति बनानी होगी।तभी चाईना को भारत से खदेड़ा जा सकता है।

0
228

सन्दीप भारद्वाज

सिर्फ चायनीज़ सामान का बहिष्कार करने से चाईना का विरोध करने की बजाय चायनीज़ सामान का अल्टरनेटिव उपाय खोजना बेहद जरुरी है ।आज पूरे भारत देश में चायनीज़ सामान के बहिष्कार की मुहिम छिड़ी है वह हम भारतीयों के लिये देश के प्रति प्रेम की एक सामूहिक भावना की अभिव्यक्ति है।आज यह सोचने का अत्यंत गम्भीर विषय है कि आखिर चाईना का सामान धीरे-धीरे किस प्रकार से हम भारतीयों की जरूरत बन गया,उसमें जरूर हमारी सरकारों की कमियां रही हैं।सन 1970 के दशक का बेरोजगार चीन किस प्रकार औद्योगिक क्रांति के कारण विश्व में अपनी छाप छोड़ रहा है।दरअसल भारत की तरह चीन भी अत्यधिक जनसंख्या के कारण 70 के दशक में लगातार तरक्की के रास्ते से पिछड़ रहा था,और तो और उस वक्त के दौर में चीन को अफीमचियों का देश कहा जाता था।लेकिन चीन के शासकों ने दूरदर्शिता व सूझबूझ का परिचय देते हुये अपनी जनसंख्या को काम में लगा दिया।रोजगार के नए नए साधन उपलब्ध हुए।सरकार ने जनता को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर इंडस्ट्री खड़ी कर दी।युवाओं को काम में लगा दिया और आज चीन की तरक्की दुनिया के सामने है ।भारत में चीन के सामान का विरोध एक अच्छा कदम है, क्योंकि बे-भरोसे मन्द चीन जिस पर जीवन में कभी भरोसा नहीं किया जा सकता, वह हमारे देश में सामन बेच कर हमसे पैसा कमा कर हथियार बनाकर हमको ही मारने पर उतारू है।ऐसे चीन को सबक सिखाना अत्यंत आवश्यक है।लेकिन यह सबक सिर्फ चीन के बने समान का बहिष्कार करने से ही न होगा, अपितु चीन के सामान के विकल्प के तौर पर भारतीय बाजार को भी खड़ा करना होगा।औद्योगिक क्रांति लानी होगी मेक इन इण्डिया को फाइलों से निकाल कर यथार्थ में संभव करके दिखाना होगा।ऐसी नीतियां बनानी होंगी की भारत का लघु उद्योग पनप सके।इस के लिये सरकार को गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है।असल में भारत में सरकारी तंत्र में फैला भ्र्ष्टाचार ही यहां के उद्योग धंधों को चौपट कर रहा है।यहां पारदर्शिता नहीं हैं।आज भारत वर्ष में कृषि करने पर बिजली के बिलों में छूट दी जाती है और उद्योगों पर बेहिसाब बिजली पानी हाउस टैक्स इत्यादि बढ़चढ़कर लगाए जाते हैं जिससे भारत में बना सामान महंगा हो जाता है और दूर देश चीन का सामान सस्ता मिलता है। जिसके कारण चीन ने भारत के बाजार और कब्ज़ा जमा लिया, यह तो एक छोटा सा उदाहरण है।इसी प्रकार अनेक क्षेत्रों में व्यापक योजना बनाकर केंद्र या राज्य की सरकारें अपने छोटे व बड़े उद्योगपतियों से मिलकर उनकी दिक्कतों को समझें।इंस्पेक्टर राज से पूर्णतः मुक्ति हो तभी सही मायने में हम घरेलू बाजार से चीन को खदेड़ने में कामयाब होंगे।
✍️ सन्दीप भारद्वाज
उपाध्यक्ष
चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज़