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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

एक हफ्ते के बाद पैसेंजर फुटफाॅल घटना शुरू, पैसेंजर न मिलने की वजह से 14 दिन में 22 फ्लाइट हो चुकी हैं रद‌्द

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  • महामारी के डर से लोग दूसरे शहरों में जाने से बच रहे, एमरजेंसी वाले ही कर रहे हैं अभी सफर

दैनिक भास्कर

Jun 11, 2020, 06:59 AM IST

चंडीगढ़. (मनोज अपरेजा)  लॉकडाउन के चलते 24 मार्च से 24 मई तक फ्लाइट ऑपरेशन बंद रहा। 25 मई से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हुआ। शुरू के तीन-चार दिन चंडीगढ़ आने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा रही। दूसरे राज्यों में फंसे चंडीगढ़ के लोग सीधी या कनेक्टिंग फ्लाइट के जरिए चंडीगढ़ पहुंचने लगे। लेकिन एक हफ्ते के बाद पैसेंजर फुटफाॅल घटना शुरू हो गया। 7 जून को सिर्फ 136 पैसेंजर ही यहां से गए, वहीं आए सिर्फ 338।

कोरोना से पहले आम दिनों में 6 से 7 हजार पैसेंजर आते-जाते थे। पैसेंजर का यह आंकड़ा अब लगातार घट रहा है। 27 मई को एयर इंडिया की दिल्ली से आने वाली फ्लाइट में मात्र 8 पैसेंजर आए। एयर इंडिया की इस फ्लाइट में दो पायलट और दो एयर होस्टेस व इंजीनियर समेत पांच लोगों का तो क्रू स्टाफ रहता है। वहीं, धर्मशाला के लिए पहले दिन 25 मई को मात्र तीन पैसेंजर थे, जिसके चलते एयर इंडिया ने फ्लाइट ही रद‌्द कर दी थी। 
एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुरक्षा पुख्ता इंतजाम 

एयरपोर्ट की ओर से यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं। एयरपोर्ट से एंटर करने से एयरक्राफ्ट में बैठने तक जो गाइडलाइंस हैं, उनका पालन किया जा रहा है। यात्रियों की स्क्रीनिंग के बाद ही एयरपोर्ट के अंदर जाने की परमिशन है। यात्रियों के लगेज को भी सेनेटाइज किया जा रहा है।

3060 सीटें हैं रोजाना, पैसेंजर आ-जा रहे हैं 1100 के आसपास

चंडीगढ़ में अभी रोजाना ऑपरेट हो रही फ्लाइट में कुल 3060 सीट्स हैं, लेकिन सभी डेस्टिनेशन को आने-जाने वाले पैसेंजर का औसत आंकड़ा 1100 के करीब ही चल रह है। यानी 45 फीसदी के आसपास ही पैसेंजर मिल रहे हैं। इनमें ज्यादा पैसेंजर आने वाले हैं। चंडीगढ़ से बाहर जाने वाले पैसेंजर की संख्या कई बार तो 25 से 30 फीसदी ही रहती है।

1 फ्लाइट का 1 घंटे का खर्च 5 लाख 
एक एयरबस अगर एक घंटे फ्लाइंग करता है तो इसमें एविएशन टर्बाइन फ्यूल और क्रू मेंबर्स आदि का खर्च मिलाकर करीब 5 लाख रुपए खर्चा आता है। ऐसे में अगर एयलाइंस को पैसेंजर फुटफाॅल नहीं मिलता हे तो उनके लिए सरवाइव करना मुश्किल हो जाता है। जब से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हुआ है, तब से अभी तक करीब 22 से अधिक फ्लाइट रद‌्द हो चुकी हैं। एयरलाइंस ने अधिकतर फ्लाइट्स पैसेंजर न मिलने की वजह से रद‌्द की हैं।

नहीं हो रही अब बुकिंग
शीतल ट्रैवल के वनीत शर्मा कहते हैं कि शुरुआती एक हफ्ते में जिन लोगों को यहां से जाना था, उन्होंने बुकिंग कराई। अब कोई बुकिंग कराने नहीं आ रहा है। कुछ लोग जिन्हें जरूरी जाना है, वे ऑनलाइन बुकिंग करवा रहे हैं। कोरोना का डर लोगों में इस कदर है कि लोग शहर छोड़कर कहीं जाना नहीं चाह रहे।

जो फंसे थे, बस उन्होंने ही ट्रैवल किया: दिलदार
फ्लाइट ऑपरेशन शुरू होने के बाद जो लोग किसी जगह पर फंसे हुए थे, उन्हें चंडीगढ़ आने का कोई साधन नहीं मिल रहा था। पिछले 15 दिन में वे यहां आ चुके हैं। कोरोना का लोगों में इतना डर है कि बहुत जरूरी होने पर लोग ट्रैवल कर रहे हैं। यही वजह है कि कई बार पैसेंजर फुटफाॅल कम हो जाता है। प्रिंस दिलदार, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट