- कंपनी ने 2010 में CNG सेगमेंट में एंट्री की जबकि 2015 में स्मार्ट हाइब्रिड वाहनों को पेश किया
- फैक्ट्री फिटेड CNG रेंज में अल्टो, वैगन-आर, इको, टूर एस, अर्टिगा और सूपर कैरी जैसे वाहन शामिल
दैनिक भास्कर
Jun 05, 2020, 04:37 PM IST
नई दिल्ली. सीएनजी व्हीकल्स की बिक्री में मारुति सुजुकी ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। कंपनी ने बताया कि उन्होंने वित्त वर्ष 2019-20 में देश में कुल 1,06,443 सीएनजी वाहन बेचे हैं। जिसके बाद मारुति सुजुकी एकल वित्तीय वर्ष में एक लाख से ज्यादा सीएनजी वाहन बेचने वाली पहली कंपनी बना गई है। कंपनी ने 2010 में CNG सेगमेंट में एंट्री की थी जबकि 2015 में कंपनी ने डोमेस्टिक लाइनअप में अपनी पहला स्मार्ट हाइब्रिड व्हीकल लॉन्च किया था।
मारुति सुजुकी के स्मार्ट हाइब्रिड व्हीकल के वर्तमान पोर्टफोलियो में अर्टिगा, सियाज, S-क्रॉस, बलेनो, XL6 और नई विटारा ब्रेजा शामिल हैं। दूसरी ओर, फैक्ट्री फिटेड CNG लाइन अप में अल्टो, वैगन-आर, ईको, टूर एस, अर्टिगा और सूपर कैरी जैसे वाहनों पर पेश किया जाता है।
कंपनी अब अपने मिशन ग्रीन मिलियन पहल के तहत तेज गति से एक मिलियन वाहनों को बेचने का इरादा रखती है, जिसमें कंपनी अपने स्मार्ट हाइब्रिड और एस-सीएनजी वाहनों को बढ़ावा दे रही है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा कि-
सीएनजी वाहनों की वृद्धि भारत सरकार के तेल आयात को कम करने और 2030 तक देश की एनर्जी बास्केट में प्राकृतिक गैस का हिस्सा 6.2% से 15% तक बढ़ाने के दृष्टिकोण को पूरा करती है। सरकार देश में सीएनजी ईंधन पंप नेटवर्क को तेजी से बढ़ाने के लिए काम कर रही है। पिछले छह वर्षों में सीएनजी स्टेशनों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और पिछले वर्ष अकेले 50% से अधिक विकास हुआ है। सरकार के स्पष्ट ध्यान के साथ, सीएनजी स्टेशनों का प्रसार महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा है। मारुति सुजुकी अपने सीएनजी उत्पाद पोर्टफोलियो को मजबूत और विस्तारित करके सरकार के दृष्टिकोण के साथ संरेखित है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘हम सीएनजी को एक ऐसी तकनीक के रूप में देखते हैं जिसने हरे रंग की ईंधन गतिशीलता में एक नया मानदंड स्थापित किया है। कारखाने में लगे एस-सीएनजी वाहनों को इष्टतम प्रदर्शन, सुरक्षा, इंजन स्थायित्व, सुविधा और लाभ देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हम मिशन ग्रीन के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे ग्राहकों के लिए अधिक उन्नत, सस्ती और ईंधन कुशल पावरट्रेन तकनीक लाने की दिशा में प्रयास करें।’