- बलबीर सिंह सीनियर पिछले दो हफ्ते से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे
- इलाज के दौरान उन्हें तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा था, वे 18 मई से कोमा में थे
- उन्हें 1957 में पद्मश्री मिला था, वे यह सम्मान हासिल करने वाले देश के पहले खिलाड़ी थे
दैनिक भास्कर
May 25, 2020, 09:34 AM IST
हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में शुमार बलबीर सिंह सीनियर का आज सुबह 96 साल की उम्र में मोहाली में निधन हो गया। वे पिछले दो हफ्ते से यहां के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे। उन्होंने सुबह साढ़े छह बजे अंतिम सांस ली।
उन्हें 8 मई को निमोनिया और तेज बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्हें तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा। दिमाग में खून का थक्का जमने की वजह से वे 18 मई से कोमा में थे।
बलबीर सिंह ने हेलसिंकी ओलिंपिक के फाइनल में पांच गोल दागे
बलबीर सिंह ने 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक के फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ 5 गोल किए थे। किसी ओलिंपिक फाइनल में सबसे ज्यादा गोल करने का उनका यह रिकॉर्ड आज भी कायम है। भारत ने यह मुकाबला 6-1 से जीता था।
वे तीन बार के ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट थे
वे लंदन (1948), हेलसिंकी(1952) और मेलबर्न (1956) ओलिंपिक में गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी ने आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम खिलाड़ियों में शामिल किया था। वे इस लिस्ट में शामिल होने वाले, देश के इकलौते खिलाड़ी थे।
वे पद्मश्री हासिल करने वाले देश के पहले खिलाड़ी थे
बलबीर को 1957 में पद्मश्री दिया गया था। तब यह पहला मौका था, जब किसी खिलाड़ी को यह सम्मान मिला था। वे 1975 में इकलौता हॉकी वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर थे।