- केबल पर मरोड़ कर, इटका देकर, खिसका कर, थपथपा कर करीब 6 तरह से कमांड दी जा सकती है
- गूगल की I/O ब्रैड (स्मार्ट केबल) इशारों की पहचान लगभग 94 प्रतिशत की सटीकता के साथ करता है
दैनिक भास्कर
May 21, 2020, 07:36 PM IST
नई दिल्ली. अब फोन पर म्यूजिक कंट्रोल करने के लिए वॉयस कमांड या फोन को बार-बार छूने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गूगल ने एक स्मार्ट केबल तैयार किया है। ये टेक्सटाइल और टेक्नोलॉजी का बेहतरीन कॉम्बिनेशन है, जिससे भविष्य में नॉर्मल कॉर्ड या केबल से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को कमांड दी जा सकेगी। कंपनी का दावा है कि ये स्मार्ट केबल मशीन लर्निंग तकनीक से लैस है, जिसकी मदद से यह यूजर द्वारा दिए गए गेश्चर कमांड को समझता है। कंपनी ने बताया कि इसे थपथपा कर, मरोड़ कर, झटका देकर और निचोड़ कर करीब 6 तरह से कमांड देकर म्यूजिक कंट्रोल किया जा सकता है।
इनपुट समझकर विजुअल फीडबैक देता है
गूगल का यह शोध कंपनी की पुरानी इंटरैक्टिव ई-टेक्सटाइल आर्किटेक्चर एक्सीरियंस पर बेस्ड है। उन्होंने एक नए प्रोडक्ट I/O ब्रैड डेवलप किया, जो टच-सेंसिंग टेक्सटाइल और फाइबर ऑप्टिक्स के कॉम्बीनेशन से बना था। यह I/O ब्रैड न सिर्फ यूजर के दिए हुए इनपुट को समझने में सक्षम है बल्कि उसका विजुअल फीडबैक भी देता है। सेंसिंग क्षमताओं को डेवलप करने के लिए इसमें गूगल की हेलिकल सेंसिंग मैट्रिक्स (HSM) का इस्तेमाल किया गया है।
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा-
जैसे की कैपेसिटिव सेंसिंग के जरिए से बेसिक टच गेश्चर्स का पता लगाने के लिए डोरियों को बनाया जा सकता है, हमने एक हेलिकल सेंसिंग मैट्रिक्स (एचएसएम) तैयार किया है, जो बड़े गेश्चर स्पेस को तैयार करता है। “HSM ऐसा ब्रैड है, जिसमें इलेक्ट्रिकली इंसुलेटेड कंडक्टिव टेक्सटाइल यार्न (धागा या तार) और पैसिव सपोर्ट यार्न हैं। जहां विपरीत दिशाओं में कंडक्टिव यार्न ट्रांसमिट की भूमिका लेते हैं और म्यूचुअल कैपेसिटिव सेंसिंग को सक्षम करने के लिए इलेक्ट्रोड प्राप्त करते हैं। उनके इंटरसेक्शन पर कैपेसिटिव कपलिंग को उपयोगकर्ता की उंगलियों द्वारा संशोधित किया जाता है, और इन इंटरैक्शन को कॉर्ड पर कहीं भी महसूस किया जा सकता है क्योंकि ब्रैडिड पैटर्न लंबाई के साथ दोहराता है। “े
6 तरह के इशारों को समझता है
गूगल का कहना है कि I/O ब्रैड याना स्मार्ट केबल को मोड़ कर, इटका देकर, खिसका कर, चुभाकर, झपट कर और थपथपा कर करीब छह अलग-अलग के इशारों को समझ सकता है। गूगल अभी भी तकनीक के साथ प्रयोग कर रहा है। इसका और अधिक बेहतर वर्जन तैयार किया जा रहा है, जिसे बाजार में आने में थाेड़ा समय लगेगा।
94 प्रतिशत की सटीकता के साथ काम करता है
कंपनी का कहना है कि अब तक के प्रयोग के परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। इसने I/O ब्रैड में इशारों की पहचान लगभग 94 प्रतिशत की सटीकता के साथ दर्ज की। इसने यह भी कहा कि ई-टेक्सटाइल्स का घुमाव “मौजूदा हेडफोन बटन कंट्रोल की तुलना में तेज” और “एक सतह को स्पर्श की तुलना में तुलनात्मक” है। भविष्य में, इस तकनीक का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है जैसे हेडफोन केबल, हुडी ड्रॉस्ट्रिंग या स्मार्ट स्पीकर केबल पर टच और जेश्चर नियंत्रण को जोड़ना।
तकनीक के भविष्य के बारे में, टेक दिग्गज ने कहा, “हम टेक्सटाइल यूजर इंटरफेस को आगे बढ़ाने और भविष्य में पहनने योग्य इंटरफेस और स्मार्ट फैब्रिक्स के लिए माइक्रोइंटरेक्ट्स के उपयोग को बढ़ावा देने की उम्मीद करते हैं, जहां आई-फ्री एक्सेस और कैजुअल, कॉम्पैक्ट और बेनिफिशियल इनपुट फायदेमंद है।”