- व्यापारी बोले- अगर लेबर चली गई तो इंडस्ट्री चलाना हो जाएगा मुश्किल
दैनिक भास्कर
May 07, 2020, 05:00 AM IST
मोहाली. सरकार की ओर से हर तरह की इंडस्ट्री को खोलने क निर्देश दे दिए गए हैं। जिसमें मोहाली, डेराबस्सी और कुराली फोकल पॉइंट की इंडस्ट्री को भारी फायदा होगा। लेकिन इन दिनों जिस तरह यूपी, बिहार के प्रवासी घर वापसी के लिए उमड़ रहे हैं, उसने अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। व्यापारियों का कहना है कि अगर लेबर चली गई तो इंडस्ट्री को चलाना मुश्किल हो जाएगा। इस सब के बीच आईटी हब के तौर पर मशहूर मोहाली में आईटी इंडस्ट्री को भी शुरू करने की डिमांड उठ रही है। अगर इसे भी न खोला गया तो 20 से 30 फीसदी तक आईटी इंडस्ट्री बंद होने की कगार पर आ जाएगी। बुधवार काे छठे दिन दुकानें खुलीं।
लोगों की भीड़ दिखाई नहीं दी। मार्केट्स में 15 फीसदी तक लोग पहले के मुकाबले पहुंचे। व्यापारी जो चंडीगढ़ के आते हैं उन्हें इंटरस्टेट कर्फ्यू पास बनवाने में परेशानी आ रही है। जिसको लेकर व्यापार मंडल ने डीसी मोहाली को अपील की है कि सभी व्यापारियों के इंटरस्टेट पास बना दिए जाएं। मोहाली इंडस्ट्री एंड कॉर्म्स के पूर्व महासचिव स्वर्ण सिंह ने बताया कि सरकार ने भले ही इंडस्ट्री को खोलने का फैसला किया है और इंडस्ट्रियलिस्ट काम भी करने लगे हैं। लॉकडाउन में दी गई यह रिलेक्सेशन व्यापारियों को राहत कम देगी।
क्योंकि इस लॉकडाउन की राहत के साथ ही यूपी-बिहार की लेबर को भी घर भेजने का सरकार प्रबंध कर रही है। जिससे इंडस्ट्री को मिलने वाली ज्यादातर लेबर में कटौती हो जाएगी। प्रवासियों के घर जाने के चलते इंडस्ट्री चलाना मुश्किल हो जाएगा। उत्पादन भी पहले से कम होगा। उन्होंने कहा कि लेबर को किसी न किसी हाल में रोका जाना चाहिए। लेकिन जिस तरह से लेबर घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रही है, वो इंडस्ट्री के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
शहर में ऑड-ईवन फॉर्मूले के तहत खुल रही हैं दुकानें
पंजाब सरकार की ओर से जो 1 मई से दुकानें खाेलने का फैसला लिया गया है उसके अब 6 दिन गुजर चुके हैं। रविवार को दुकानें बंद थी। बाकी दिन ऑड-ईवन फॉर्मूले के तहत मार्केट में 50 फीसदी दुकानें खुलती हैं। मोहाली व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनीत वर्मा ने बताया कि 6 दिन में ग्राहकों की रफ्तार में कोई फर्क नहीं पड़ा है। पहले के मुकाबले मात्र 50 फीसदी ग्राहक की मार्केट में आ रहे हैं। असेंशयिल सर्विसेज पहले ही होम डिलीवरी हो रही है। उन्होंने कहा कि ग्राहक तो कम हैं लेकिन जो लोग आ रहे हैं वो वाहनों के साथ आते हैं। जिस कारण मार्केट्स में गाड़ियां खड़ी दिखाई देती हैं, लेकिन ग्राहक नहीं होता। ये गाड़ियां, दुकानदारों की होती हैं। लेकिन मार्केट में ग्राहक कम ही दिखाई देते हैं।