- 30 अप्रैल को फोर्ब्स ने रिपोर्ट में शाओमी पर प्राइवेट और फोन डेटा कलेक्ट कर अलीबाबा को बेचने का आरोप लगाया था
- रिसर्चर Gabi Cirlig ने बताया था कि उनका रेडमी नोट 8 फोन वेब और फोन डेटा दोनों डेटा सिंगापुर और रूस के सर्वर में भेज रहा है
दैनिक भास्कर
May 04, 2020, 06:38 PM IST
नई दिल्ली. डेटा चोरी के आरोपों को झेल रहे शाओमी अब एक और बयान सामने आया है। शाओमी का कहना है कि अब हम यह बात यूजर पर छोड़ रहे हैं कि वे अपना डेटा कंपनी के साथ शेयर करना चाहते हैं या नहीं। लेकिन सवाल है कि यह संभव कैसे होगा। इस पर कंपनी ने बताया कि अब यूजर यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि श्याओमी उनके प्राइवेट ब्राउजिंग डेटा को ट्रैक कर सके या नहीं। हाल ही में कंपनी ने इस बात से खारिज किया था कि वे एमआई और रेडमी फोन यूजर्स कि गतिविधियों को ट्रैक करते हैं, जिस समय वे इन्कॉग्निटो मोड में ब्राउजिंग कर रहे होते हैं।
हालांकि इस बात पर अभी भी संशय बना हुआ है कि क्यों कोई कंपनी प्राइवेट मोड में ब्राउजिंग के दौरान यूजर को ट्रैक करेगी लेकिन शाओमी के केस से पुष्टि होती है कि वास्तव में यह मामला है। दूसरे शब्दों में कहें तो शाओमी के पास सबसे अधिक संभावना है कि वे एमआई और रेडमी फोन यूजर्स को ट्रैक करने की कि वे वेब पर क्या सर्च कर रहे हैं या तक कि इन्कॉग्निटो मोड में वे क्या देख रहे हैं। मामला सामने आने के बाद भी यह उम्मीद नहीं लग रही है कि कंपनी जल्द ही इस गंभीर मामले को खत्म करेगी। क्योंकि कंपनी अपने यूजर्स को इस फीचर को चुनने और ना चुनने की अनुमति दे रही है।
क्या था मामला
- 30 अप्रैल को फोर्ब्स ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें शाओमी पर प्राइवेट डेटा और फोन का डेटा कलेक्ट करने का आरोप लगाया था । रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी अपने यूजर्स की प्राइवेसी के साथ खिलवाड़ कर रही है। यह पूरा काम शाओमी के ब्राउजर प्रोडक्ट के जरिए किया जा रहा है, जिसमें एमआई ब्राउजर (जो सभी एमआई फोन में डिफॉल्ट ब्राउजर के तौर पर मिलता है), एमआई ब्राउजर प्रो और मिंट ब्राउजर शामिल हैं।
- रिपोर्ट के मुताबिक साइबर सिक्योरिटी रिसर्च करने वाले Gabi Cirlig ने पाया कि उनका रेडमी नोट 8 स्मार्टफोन वेब और फोन डेटा दोनों ही सिंगापुर और रूस के रिमोट सर्वर पर भेज रहा है। यह सर्वर चीन की टेक कंपनी अलीबाबा से शाओमी ने रेंट पर लिए हैं। फोर्ब्स ने इस मुद्दें को संज्ञान में लिया और इसकी स्वतंत्र जांच की जिसके लिए उन्होंने एक और सिक्योरिटी रिसर्चर की मदद ली। जांच में सामने आया कि शाओमी यूजर्स के सभी ब्राउजिंग डेटा जिसमें- वेबसाइट, सर्च इंजन और श्याओमी की न्यूज फीड शामिल था। यह ट्रैकिंग इनकोग्निटो मोड में भी जारी थी। डिवाइस यह भी रिकॉर्ड कर रहा था कि यूजर कौन से फोल्डर खोल रहा है और स्क्रीन पर क्या सिलेक्ट कर रहा है।
सभी दावे झूठे, प्राइवेसी के प्रति सख्त है कंपनी- शाओमी
- कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि रिसर्च में किए गए दावे झूठे हैं और प्रावेसी और सुरक्षा उनके लिए सबसे अहम है। इसके साथ ही उसने कहा कि वह डेटा प्राइवेसी से संबंधित कानूनों और नियमों का सख्त तौर पर पालन करती है। लेकिन कंपनी ने फोर्ब्स को बताया कि ब्राउजिंग डेटा को इकट्ठा किया जा रहा है। कंपनी ने इससे भी इनकार किया कि ब्राउजिंग डेटा को इनकोग्निटो मोड में भी रिकॉर्ड किया जा रहा है।
- कंपनी के डेटा को इकट्ठा करने की एक दूसरी वजह भी हो सकती है जो यूजर के व्यवहार को समझना हो सकता है। कंपनी एक एनालिटिक्स कंपनी सेंसर एनालिटिक्स की सेवाओं का इस्तेमाल कर रही है। चीनी स्टार्टअप सेंसर डेटा ने 2015 में स्थापित होने के बाद से 60 मिलियन डॉलर जमा किए हैं। श्याओमी के प्रवक्ता ने कहा कि सेंसर एनालिटिक्स कंपनी के लिए डेटा एनालिटिक्स सोल्यूशन देती है। जमा हुए डेटा को कंपनी के खुद के सर्वर पर स्टोर किया जाता है और सेंसर एनालिटिक्स या किसी दूसरी थर्ड पार्टी कंपनी के साथ साझा नहीं किया जाता।
मनु कुमार जैन ने दी सफाई
शाओमी इंडिया के हेड मनु कुमार जैन ने ट्विटर पर एक पोस्ट करके कहा है कि कंपनी पर डेटा ट्रैक करने का आरोप लग रहा है, वह बेबुनियाद है। भारत का डेटा भारत में ही है और हम इसका दुरुपयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय यूजर्स का डेटा पिछले दो सालों से इंडिया में ही सेव होता है।
At #Xiaomi, data privacy & security are of utmost importance!@XiaomiIndia had moved all it’s data to local servers in #India ~2 years ago.
* We do NOT collect data w/o consent
* Data is encrypted
* India data stays in IndiaNews article from 2 yrs ago: https://t.co/kcghUcZiUu
— Manu Kumar Jain (@manukumarjain) May 2, 2020