- उत्तर प्रदेश के आठ हजार छात्र काेटा से आने के बाद नौ राज्य हुए सक्रिय
दैनिक भास्कर
Apr 25, 2020, 06:22 AM IST
पानीपत. लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे राज्य के 858 विद्यार्थियों को शुक्रवार की देर रात हरियाणा रोडवेज की बसें सुरक्षित वापस लेकर लौट आईं। घंटों के सफर के बाद पहुंचे विद्यार्थियों को सीधे शेल्टर होम में ले जाया गया। कोरोना हॉटस्पॉट क्षेत्र से लौटने के चलते देर रात तक मेडिकल परीक्षण किया गया। एहतियातन विद्यार्थियों को अभी घर जाने की अनुमति नहीं होगी, बल्कि सभी को क्वारेंटाइन किया जाएगा। इसी के साथ लाॅकडाउन के बीच देशभर में बड़ी अावाजाही शुरू हाेने वाली है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने दूसरे राज्याें में फंसे हुए मजदूराें काे वापस लाने का फैसला किया है। दूसरी ओर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दूसरे राज्यों में फंसे सवा लाख मजदूरों को वापस लाने की तैयारी शुरू कर दें। काेटा से यूपी के 8 हजार छात्राें काे निकालने के लिए उत्तरप्रदेश ने ही सबसे पहले बसें भेजी थीं।
उसके बाद मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात आदि ने भी छात्राें काे निकालना शुरू कर दिया था। इसी बीच, बिहार सरकार ने हाई काेर्ट में कहा कि 17 लाख लोगों काे वापस लाने का फैसला वह अकेले नहीं कर सकती। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र को भी पार्टी बनाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बिहार सरकार कह चुकी है कि वह छात्रों-मजदूरों को वापस नहीं लाएगी। मजदूराें की वापसी प्रक्रिया चरणबद्ध होगी। दूसरे राज्यों में उत्तर प्रदेश के जिन मजदूराें ने क्वारेंटाइन की अवधि पूरी की है, उन्हें ही वापस लाया जाएगा।
यमुनानगर से देर रात यूपी के श्रमिकाें की रवानगी शुरू
धर्मेश पांडेय.यमुनानगर | लॉकडाउन के दौरान यमुनानगर जिले में बनाए रिलीफ कैंपों में रोके गए यूपी के प्रवासी वर्करों को जैसे ही यूपी सरकार ने लाने का फैसला लिया तो प्रशासन उन्हें यहां से भेजने की तैयारी में लग गया। देर रात तक यूपी के प्रवासियों की लिस्ट बनाई जा रही थी। यूपी के 16 जिले आगरा, अलीगढ़, अमरोहा, बागपत, बदायूं, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, शामली, हापुड़, हाथरस, कासगंज, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर व सहारनपुर के प्रवासियों को वापस भेजा जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया यूपी सरकार ने 16 जिलों के प्रवासियों को बुलाया है। इसके लिए रोडवेज की बसें तैयार की गई हैं। अल सुबह ही ही ये बसें इन 16 जिलों के प्रवासियों को लेकर निकल जाएंगी। रात को ही प्रवासियों को तेजली स्टेडियम में भेज दिया गया था। वहीं से बसें रवाना होनी थीं। अभी बिहार व यूपी के अन्य जिलों के प्रवासियों को भेजने का कोई फैसला नहीं हुआ। यमुनानगर जिले में करीब एक दर्जन रिलीफ कैंपों में 2000 प्रवासी वर्करों को रोका गया है। यह प्रवासी कई बार घर जाने की जिद कर चुके हैं। कई प्रवासी तो खाना भी नहीं खा रहे थे। उनकी एक ही मांग थी कि उन्हें उनके घर भेजा जाए।