Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

लॉकडाउन की वजह से टीवी देखने के समय में हुई 37 फीसदी की बढ़ोतरी, लेकिन मंदी के डर से कई विज्ञापनदाता पीछे हटे

0
75

दैनिक भास्कर

Apr 06, 2020, 07:59 PM IST

नई दिल्ली. लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में हैं और ज्यादातर लोग टीवी देखकर अपना समय काट रहे हैं। 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया, जिसकी बाद से ही टीवी व्यूअरशिप में अबतक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लेकिन टीवी एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के लिए स्थिति काफी चुनौती भरी साबित हो रही है। एक तरफ व्यूअरशिप में एतिहासिक बढ़ोतरी होने के कारण कंजूमर से जुड़ने का अच्छा मौका है, तो दूसरी तरफ लॉकडाउन की वजह से बढ़ते मंदी के खतरे ने कंपनियों का विज्ञापन खर्च में कटौती करने पर मजबूर कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, एडवरटाइडिंग इंडस्ट्री को इस सीजन 30 से 40 फीसदी बिजनेस का नुक्सान हुआ है। कई एफएमसीजी कंपनियां विज्ञापन देने से पीछे हट रही है और स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रही हैं।

लॉकडाउन के कारण बढ़ा टीवी देखने का समय

  • टेलीविजन मॉनिटरिंग एजेंसी बीएआरसी (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) और मार्केट रिसर्च फर्म नीलसेन की रिपोर्ट के मुताबिक, 21 मार्च से 27 मार्च के बीच टीवी कंजम्पशन टाइम 1.2 ट्रिलियम मिनट के साथ अबतक के सर्वाधिक स्तर पर रहा। यह प्री-कोविड पीरियड यानी 11 से 31 जनवरी की तुलना में 37 फीसदी ज्यादा है।
  • परिणाम स्वरूप 21 से 27 मार्च के औसतन डेली एफसीटी (फ्री कमर्शियल टाइम) भी 6 लाख सेकंड बढ़ गई यानी इसमें 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। सबसे ज्यादा एफसीटी की बढ़ोतरी फूड और बेवरेज कैटेगरी में रही, जिसके बाद पर्सनल केयर और हाइजीन प्रोडक्ट का स्थान रहा। (एफसीटी यानी विज्ञापन के लिए चैनल पर खरीदे गए सेकंड्स)
  • चेन्नई बेस्ड आइस मीडिया के डायरेक्टर एम लॉरेंस ने बताया कि टीवी व्यूअरशिप में हुई इस बढ़ोतरी का कारण लॉकडाउन है। ऐसे में लोग टीवी तो देख रहे हैं लेकिन बिना किसी रूचि के। ऐसे में यह एडवरटाइडजिंग इंडस्ट्री के लिए बहुत ज्यादा बेहतर साबित नहीं होगा।
  • पिछले साल की तुलना में हमारे बिजनेस में 70-80 फीसदी की कमी आई है। हमने मार्च में भी गिरावट देखी है और अप्रैल में और ज्यादा गिरावट के संभावना है। हम फूड कैटेगरी के विज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन चैनलों की संख्या में कटौती कर दी है और सिर्फ न्यज चैनल्स पर ही फोक्स कर रहे हैं।