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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

मनोहरलाल बोले- क्लास वन से सीधा आईएएस बनने के लिए लिखित परीक्षा के बाद आयोग को भेजे जाएंगे नाम

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  • राज्य सेवा आयोगों का 22वां राष्ट्रीय सम्मेलन, कहा- काम ऐसे करें कि जनता का प्रशासन में विश्वास बना रहे
  • सीएम ने कहा- आयोगों के समक्ष भाषा भी एक चुनौती, साक्षात्कार के समय स्थानीय भाषा में संवाद का हो विकल्प

दैनिक भास्कर

Mar 14, 2020, 08:59 AM IST

चंडीगढ़. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया कि क्लास वन से सीधा आईएएस बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग के पास नाम अब लिखित परीक्षा के बाद भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में एक पद बनता है तो हरियाणा से पांच नाम भेजे जाएंगे। उन्होंने देश के सभी राज्यों के लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों व सदस्यों का आह्वान किया है कि वे सरकारी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में योग्यता, निष्पक्षता व पारदर्शिता को अर्हता दें, क्योंकि इसी से शासन व प्रशासन पर जनता का विश्वास बनता है। वे शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग के तत्वावधान में आयोजित देशभर के राज्य सेवा आयोगों के 22वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर को मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

सीएम ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के बदलते परिदृश्य के चलते प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करने के तरीके भी बदल गए हैं व लोक सेवा आयोग जैसी संवैधानिक संस्थानों के लिए यह निरंतर चुनौती बनता जा रहा है। इसे रोकने के लिए भी हमें आधुनिक तकनीक के तरी के परीक्षा के आयोजन से पहले अपनाने होंगे। नकल होने की सूचना के बाद संस्थानों को पेपर रद्द करना ही विकल्प बच जाता है और इससे भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होती है और योग्य उम्मीदवारों को मानसिक ठेस भी पहुंचती है। लोक सेवा आयोगों के सामने पहले से ही यह चुनौती रही है कि उन्हें निजी क्षेत्र की बराबरी के प्रतिभावान उम्मीदवार नहीं मिल पाते हैं क्योंकि अधिक वेतन व अन्य सुविधाओं के चलते होनहार युवा निजी क्षेत्र को प्राथमिकता देते आए हैं और आमतौर पर यह धारणा बन गई है कि उनसे कम प्रतिभा वाले उम्मीदवार सार्वजनिक सेवाओं के लिए उपलब्ध होते हैं। 

स्थानीय भाषा में संवाद का हो विकल्प : मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोगों के समक्ष भाषा भी एक अन्य चुनौती है। आमतौर पर भर्ती के समय अंग्रेजी के ज्ञान की परीक्षा अधिक ली जाती है। जबकि उम्मीदवार का चयन होने के बाद स्थानीय जनता के बीच सेवा करनी होती है और जनता के साथ स्थानीय भाषा में बातचीत की जाती है। भले ही ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवारों में अंग्रेजी में संवाद की कमी हो, परंतु जनता के साथ स्थानीय भाषा में बातचीत करने में निपुणता होती है। चयन करते समय आयोगों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए और साक्षात्कार के दौरान स्थानीय भाषा में संवाद करने के लिए विकल्प देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मांग की कि भारतीयकरण को सभी राज्य लोक सेवा आयोगों को बरकरार रखना चाहिए।