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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

दफ्तरों में प्रशासनिक काम देखने वाले डॉक्टर भी अब ओपीडी और सर्जरी का करेंगे काम

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  • कैप्टन बोले- उप-कुलपति पढ़ाते हैं और प्रशासनिक काम देख सकते हैं तो डॉक्टर भी कर सकते हैं सर्जरी
  • रिटायरमेंट उम्र कम करने से खाली हुए पदों के लिए सरकार दाे साल में करेगी भर्ती, सरकार ने कहा-3 साल में 57 हजार नौकरियां दीं

Dainik Bhaskar

Mar 04, 2020, 09:56 AM IST

चंडीगढ़. पंजाब विधानसभा के बजट सत्र का बुधवार काे आखिरी है। उससे एक दिन पहले यानी मंगलवार काे सत्र के दाैरान कैप्टन सरकार ने फैसला लिया कि डॉक्टर की डिग्री होने के बावजूद दफ्तराें में प्रशासनिक काम करने वाले डाॅक्टराें काे अब ओपीडी और सर्जरी के काम भी करने हाेंगे। दरअसल, सरकार के संज्ञान में यह बात आई थी कि कई डॉक्टर अपने पेशे के काम को छोड़कर विभाग के कार्यालयों में बैठकर फाइल वर्क करते रहते हैं। सरकार के इस आदेश से अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पूरी हो जाएगी।

इस समय पर 4036 डॉक्टरों में 1 हजार डॉक्टर क्लीनिकल वर्क में शामिल नहीं होते। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब यूनिवर्सिटियों के उप-कुलपति पढ़ाने के साथ-साथ प्रशासनिक कार्य कर सकते हैं तो फिर डॉक्टर क्यों नहीं कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सभी डॉक्टरों को प्रशासनिक कामों के साथ क्लीनिकल वर्क (इलाज संबंधित सेवाएं) काम करना चाहिए। सरकार के इस फैसले के बाद अब दफ्तरों में बैठे डॉक्टरों को मरीजों को ओपीडी में देखना होगा और अगर कोई डॉक्टर सर्जन है तो उसे सर्जरी भी करनी पड़ेगी।

खाली पद जल्द भरे जाएंगे

नौकरी में एक्सटेंशन को खत्म करके रिटायरमेंट एज कम करने के सरकार के फैसले का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि इससे खाली होने वाले सभी पद अगले दो सालों में भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि उच्च पे-स्केल पर सेवामुक्त होने वाले एक कर्मचारी के बदले कम पे-स्केल पर तीन नौजवानों के लिए नौकरियां सृजित पैदा की जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि उनकी सरकार ने पिछले तीन सालों में ठेके पर रखे मुलाजिमों समेत 57 हज़ार सरकारी नौकरियां दी हैं। 

राज्य के लिए और एंबुलेंस

सीएम ने ऐलान किया कि उनकी सरकार ने 108 एंबुलेंसों के द्वारा राज्य में एंबुलेंस नेटवर्क को और मज़बूत बनाने का फ़ैसला किया है जिससे लोगों को उनके द्वार पर तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जा सकें। अगले दो सालों में एंबुलेंसों की संख्या 242 से बढ़ाकर 400 की जायेगी जिससे 30 से 35 गांवों के हरेक क्लस्टर के लिए 24 घंटे एंबुलेंस सेवाएं दीं जा सकें।
 

‘पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब’ योजना से टीचरों पर बोझ

पंजाब में ‘पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब’ योजना ने अध्यापकों को  नियमित सिलेबस के अलावा अब कई अन्य विषय भी पढ़ाने पड़ रहे हैं। यह खुलासा विधानसभा की बजट अनुमान कमेटी ने वर्ष 2019-20 की शिक्षा विभाग संबंधी अपनी रिपोर्ट में किया है। कमेटी ने इस बात पर हैरानी जताई है कि सूबे के स्कूलों में बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम तो लगा दिए गए हैं लेकिन कई स्कूलों में बिजली की व्यवस्था ही नहीं  है।  विधानसभा में विधायक हरदयाल सिंह कंबोज के नेतृत्व में बनी कमेटी की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। योजना के लिए अलग से वालंटियरों की नियुक्ति करनी चाहिए क्योंकि इस योजना के चलते अध्यापकों पर काम का बोझ बढ़ गया है। कमेटी ने सिफारिश की कि इस योजना को छोटी कक्षाओं से ही लागू किया जाना चाहिए ताकि बच्चे इस योजना का पूरा लाभ ले सकें। कमेटी ने कहा कि इस योजना को नर्सरी क्लास से ही लागू किया जाए और प्रत्येक प्राइमरी स्कूल में आंगनबाड़ी बच्चों के लिए एक अलग तौर पर कमरा हो, जहां बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा सके।