चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। देव समाज कॉलेज फॉर विमेन, सेक्टर 45, चंडीगढ़ ने आज अपने परिसर में जैविक खेती: सतत विकास का एक उपाय विषय पर एक-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया।सेमिनार में देश भर के प्रख्यात शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों और जैविक खेती करने वालों ने भाग लिया। इस अवसर पर संजय चड्ढा, प्रिंसिपल, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पालमपुर, जो कि एक ऐसे वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं जिन्होंने जैविक खेती में अनुसंधान और विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है और डॉ. मधु गिल, वरिष्ठ प्रबंधक, जैविक खेती, पंजाब परिषद सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे। देव समाज के सचिव निर्मल सिंह ढिल्लों ने संगोष्ठी का उद्घाटन किया और विश्व सभ्यता के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की, जिसने सतत विकास के स्थान पर अल्पकालिक विकास को अपना लिया है। प्रो. प्रोमिला पाठक, प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग ने भारत में जैविक खेती करने वाले किसानों के सामने आने वाली समस्याओं को रेखांकित किया और बताया कि बढ़ती लागत, खराब मार्केटिंग और एक अक्षम व समय खाऊ प्रमाणन प्रणाली के चलते सरकारी उपायों में तमाम कमियां हैं। और यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि हमें जैविक खेती को अपनाना चाहिए, ऑर्गेनिक भोजन ही खाना चाहिए और जैविक खेती का ही समर्थन करना चाहिए। जैविक स्थिति, खरपतवार प्रबंधन, पोषण प्रबंधन रणनीतियां और कृषि जल प्रबंधन से लेकर जैविक खेती और महिला उद्यमिता के अंतर्गत कीट प्रबंधन से लेकर विभिन्न विषयों पर 35 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।प्रो. सुच्चा सिंह गिल, वरिष्ठ प्रोफेसर, क्रिड चंडीगढ़, ने अपने संबोधन में इस सफल संगोष्ठी के आयोजन हेतु कॉलेज को बधाई दी, जिसके तहत विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच मिल पाया। हैप्पी स्कूल के रूप में रोटरैक्ट क्लब द्वारा अपनाए गए सरकारी स्कूलों के नवीनीकरण के लिए धन जुटाने हेतु नृत्य कार्यशाला आयोजित युवा-संचालित संगठन रोटरैक्ट क्लब, चडीगढ़ हिमालयन, जो अपने मूल संगठन रोटरी क्लब हिमालयन रेंजिज़ के तहत वंचितों के उत्थान के लिए काम करता है, द्वारा वार्षिक कार्यक्रम सालसा स्लैम का आयोजन किया गया। इस बार यह इस इवेंट का ग्यारहवां सीजऩ था। यह 3-दिवसीय नृत्य कार्यशाला रोटरैक्टर ओंकार सिंह के निर्देशन में आयोजित की गई व इसकी अध्यक्षता रोटरैक्टर राघव गोयल तथा रोटरैक्टर सान्या सोनी ने की। कार्यक्रम वरुण डी.एस. राणा के मार्गदर्शन में किया गया था, जो इस नृत्य कार्यशाला के कोरियोग्राफर थे। नृत्य कार्यशाला प्रतिभागियों के बीच एक प्रतियोगिता के साथ समाप्त हुई तथा विभिन्न श्रेणियों के तहत बेस्ट डांसर्स, बेस्ट ड्रेस्ड आदि पुरस्कार दिए गए। इस कार्यशाला का उद्देश्य हैप्पी स्कूल के रूप में क्लब द्वारा अपनाए गए सरकारी स्कूलों के नवीनीकरण के लिए धन जुटाना था।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020