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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

बचपन से थी एक किडनी, वह भी हो गई फेल, ट्रांसप्लांट के बाद अब बने चैंपियन

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  • शाॅट पुट, 100 मीटर रेस में गोल्ड मेडल, 200 मीटर रिले रेस में गोल्ड जीता
  • इसके अलावा उन्हें प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट की ट्राफी भी जीती 

Dainik Bhaskar

Feb 27, 2020, 08:03 AM IST

चंडीगढ़ (मनोज अपरेजा ) . डर के आगे जीत है। अगर आप किसी चीज को पाने का संकल्प ले लें, तो कोई भी बाधा आपको उसे पाने से रोक नहीं सकती। यह कहना था किडनी ट्रांसप्लांट के बाद बॉडी बिल्डअप कर लोगों के लिए मिसाल कायम करने वाले जबलपुर के दिग्विजय सिंह गुजराल का। वे बुधवार को पीजीआई में आयोजित ऑर्गन ट्रांसप्लांट गेम्स में हिस्सा लेने आए। थे। यहां पर उन्होंने एक शाॅट पुट,100 मीटर रेस में गोल्ड मेडल, 200 मीटर रिले रेस में गोल्ड  जीता। इसके अलावा उन्हें प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट की ट्राफी भी जीती।

गुजराल ने बताया कि उनकी बचपन से एक किडनी थी। जो खराब होने के कारण 2011 में किडनी ट्रांस्पलांट कराना पड़ा। इसके बाद वे एक दिन वॉक पर निकले और यूं ही जिम में चले गए। यहां उन्होंने लोगों को एक्सरसाइज करते देखा। गुजराल कहते हैं कि मैंने उन्हें कॉपी करने का प्रयास किया। उसी दौरान मुझे चोट लगी। इस पर एक्सरसाइज कर रहे दूसरे लोग मुझे देखकर हंसने लगे। तभी मैंने तय किया कि मैं उन्हें अपनी मेहनत से जवाब दूंगा। वह हंसी गुजराल के कानों में तब तक गूंजती रही, जब तक अच्छी बॉडी नहीं बना ली। गुजराल ने बताया कि इससे पहले वे मुंबई में आयोजित नेशनल ट्रांसप्लांट गेम्स में भी तीन गोल्ड एवं एक सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। इसके अलावा बीते साल अगस्त में आयोजित विश्व प्रसिद्ध लंदन में हुए वर्ल्ड ट्रांसप्लांट गेम्स में टीम भारत के लिए स्क्वेश में सिल्वर मेडल जीता। 

भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे 

गुजराल ने बताया कि अगस्त में यूरोपियन ट्रांसप्लांट गेम्स में भी भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं। इसमें वे 100 मीटर दौड़, बेडमिंटन, स्कवॉश, टेबल टेनिस आदि में गेम्स में हिस्सा लेंगे। एक बार फिर विश्व में भारत के लिए मेडल जीतकर लाएंगे। 2011 में गुजराल का मोहाली के एक निजी हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट हुआ था। यहां पर उनके अंकल ने उन्हें अपनी किडनी डोनेट की थी। गुजराल पेशे से होटलियर हैं। साथ ही समाज सेवा भी करते हैं। वहीं, 18 साल के साहिल दास ने दो महीने पहले हुए किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सिंगिंग कंपीटिशन में हिस्सा लिया। उन्होंने अरिजीत सिंह अौर हिमेश रेशमिया के सॉन्ग पेश किए।

पत्नी ने दिया 65% लिवर, जीती रेस 
चंडीगढ़ प्रशासन में बतौर सीनियर अकाउंट्स ऑफिसर प्रवीन कुमार रतन का 2011 में लीवर फेल हो गया था। उनकी पत्नी रूपा अरोड़ा ने अपने लिवर का 65 फीसदी हिस्सा अपने पति को डोनेट किया। लिवर ट्रांसप्लांट में 21 घंटे लगे। लेकिन इस बीच एक क्लॉट के जमने से हालत फिर बिगड़ी और दोबारा ऑपरेशन हुआ। 2014 में रतन दंपती को बेटा हुआ। रतन दंपती ने बुधवार को पीजीआई आर्गन ट्रांसप्लांट गेम में हिस्सा लिया। दोनों ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।