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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

सिख और मुस्लिम स्टाफ के लिए बदली पॉलिसी…यूएस एयरफोर्स में सिख पहन सकेंगे दस्तार, दाढ़ी भी रख सकेंगे

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  • यूएस एयरफोर्स में कार्यरत एयरमैन फर्स्ट क्लास जसप्रीत सिंह अब ड्यूटी के दौरान अपना सिख स्वरूप बनाए रख सकेंगे
  • अमेरिकी एयरफोर्स के इस फैसले का सिख कोलिएशन और सिख अमेरिकन वेटनर्स एलायंस ने स्वागत किया

Dainik Bhaskar

Feb 16, 2020, 07:48 AM IST

चंडीगढ़ ( गुलशन कुमार ) . यूएस एयरफोर्स में कार्यरत एयरमैन फर्स्ट क्लास जसप्रीत सिंह अब ड्यूटी के दौरान अपना सिख स्वरूप बनाए रख सकेंगे। वे अब दस्तार बांध सकेंगे और दाढ़ी भी रख सकेंगे। यूएस एयरफोर्स ने सिख और मुस्लिम स्टाफ के लिए अपनी ड्रेस कोड पॉलिसी को अपडेट कर दिया है। सिख एयरमैन भी काफी समय से दस्तार बांधने की अनुमति मांग रहे थे लेकिन उनकी इस मांग को माना नहीं जा रहा था।  

सिखों के साथ ही मुस्लिम स्टाफ को भी दाढ़ी रखने और हिजाब पहनने की अनुमति दी गई है। जसप्रीत सिंह न्यू जर्सी, अमेरिका में ज्वाइंट बेस मैकगुआर-डिक्स-लेकहर्स्ट में अब दस्तार पहन कर अपनी ड्यूटी पर जा सकेंगे। सिखों और मुस्लिमों को अभी तक अपनी धार्मिक पहचान के प्रतीकों को पहनने की अनुमति नहीं थी, जिसको लेकर कई कर्मचारियों ने मांग की हुई थी। नई पॉलिसी में स्पष्ट किया गया है कि इन प्रतीकों को धारण करने के साथ ही ये भी सुनिश्चित करना होगा कि वे ‘नीट एंड कंजर्वेटिव’ होंगे। इस अनुमति की समीक्षा 30 दिनों के अंदर की जाएगी और उसके बाद इसका विस्तार किया जाएगा। अभी तक की पॉलिसी के अनुसार एयरफोर्स में काम करने वाले सिखों और मुस्लिमों को धार्मिक प्रतीकों को धारण करने को लेकर व्यक्तिगत आधार पर आवेदन कर अनुमति लेनी पड़ती थी। प्रत्येक कर्मचारी की ड्यूटी और अन्य चीजों को देखने के बाद ही उसे इस संबंध में अनुमति दी जाती थी। इस प्रोसेस में अक्सर काफी अधिक समय लगता था।

इन को मिल चुकी पहले अनुमति: इससे पहले एयरमैन फर्स्ट क्लास गुरचेतन सिंह को एयर नेशनल गार्ड में दस्तार के साथ ड्यूटी करने वाले पहले सिख अमेरिकन बनने का गौरव प्राप्त है। वहीं एयरमैन फर्स्ट क्लास हरप्रीतइंदर सिंह बाजवा, सुनजीत सिंह राठौर, जसप्रीत सिंह को भी एयरमैन के तौर पर दस्तार बांध कर ड्यूटी पहनने की अनुमति मिली थी।

सिख संगठनों ने फैसले का स्वागत किया

अमेरिकी एयरफोर्स के इस फैसले का सिख कोलिएशन और सिख अमेरिकन वेटनर्स एलायंस (सावा) ने स्वागत किया है और कहा है कि इससे अमेरिकी सेनाओं में सिखों को अपनी धार्मिक आजादी के साथ ड्यूटी करने की स्वतंत्रता प्राप्त होगी। सावा के प्रेसिडेंट कमल सिंह कलसी ने कहा कि डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस को एक विस्तृत पॉलिसी भी बनानी चाहिए जो कि सेना के सभी अंगों पर समान तौर पर लागू हो। इससे सिखों को हर बार इस संबंध में मांग नहीं करनी पड़ेगी।