23 टीमों द्वारा हफ़्ता भर चले टूर्नामैंट के दौरान हुए कड़े मुकाबलों में खालसा एफ.सी जालंधर ने खालसा एफ.सी गुरदासपुर को 3-1 से पछाड़ा
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। पहला साबत-सूरत सिख फ़ुटबाल कप का समापन आज यहाँ सैक्टर 42 के फ़ुटबाल स्टेडियम में खेले गए ज़बरदस्त रोमांचक फ़ाईनल के साथ हुआ जिसमें खालसा एफसी जालंधर की टीम ने खालसा एफ.सी गुरदासपुर को 2-1 से हराकर खि़ताब जीता।श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित इस ऐतिहासिक पहलकदमी का उद्देश्य देश में गौरवमयी सिख खेल सभ्याचार और योगदान को फिर से प्राप्त करने के उद्देश्य से किया गया है जो खालसा फ़ुटबाल क्लब (खालसा एफसी) और ग्लोबल सिख स्पोर्टस फेडरेशन की तरफ से साझे तौर पर किया गया। यह पृथक सिख टूर्नामैंट ख़ालसा जीवन शैली को उभारने बारे गुरू साहिबान द्वारा प्रचारित उस संदेश को दुनिया में फैलाने में पूरा सफल हुआ है जो समूची मानवता की बेहतरी के लिए है। 30 जनवरी को श्री अमृतसर साहिब से शुरू हुए इस टूर्नामैंट में पंजाब के 22 जिलों की टीमें और चंडीगढ़ की टीम समेत कुल 23 टीमों के बीच कड़े मुकाबले देखने को मिले।आज के फ़ाईनल मुकाबले में खालसा एफसी गुरदासपुर की तरफ से 27वें मिनट में पहला गोल करने के बाद जालंधर ने 45वें मिनट में बराबरी कर ली। आधे समय के दौरान दोनों टीमें 1-1 के साथ बराबरी पर रही और सैंकड़ो दर्शक दूसरे आधे खेल में और ज़्यादा गोलों की उम्मीद लगा कर बैठे रहे।आखिरी आधे बचे खेल में दोनों टीमों के ताबड़-तोड़ हमले हुए जालंधर ने 52वें मिनट में एक और गोल करके अपराजित बढ़त 2-1 कर दी। उधर आखिरी 90वें मिनट में जालंधर ने एक और गोल करके कुल स्कोर 3-1 के साथ जीत का झंडा गाढ़ दिया। विजेता खालसा एफसी जालंधर को ट्राफी और पाँच लाख रुपए के नकद इनाम जबकि उप विजेता एफ.सी. गुरदासपुर को ट्राफी और तीन लाख रुपए के साथ सम्मानित किया।टूर्नामैंट की शुरुआत से पहले बोलते हुए खालसा एफ.सी के प्रधान हरजीत सिंह गरेवाल ने बताया कि साबत -सूरत लड़कियाँ भी अगले साल से इस टूर्नामैंट का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि साबत -सूरत बच्चों का टूर्नामैंट करवाने का उद्देश्य सिखों की असली पहचान को उजागर करना है क्योंकि कुछ देशों में सिखों पर गलत पहचान स्वरूप होते नसलीय हमले होते आए हैं। गरेवाल ने यह भी कहा कि यह टूर्नामैंट पंजाब की जवानी को नशों की बीमारी और खेल में डोपिंग जैसी समस्या दूर करने में भी एक बड़ी ताकत के तौर पर काम करेगा।इस मौके पर संत बाबा अवतार सिंह रूपनगर, संत बाबा दिलावर सिंह ब्रह्मजी, संत बाबा गुरदेव सिंह नानकसर और संत बाबा कपूर सिंह सनेरां ने संबोधन करते हुए खिलाडिय़ो को खेल खेलते हुए रूहानी नैतिक मूल्यों के प्रेक्षक बनने और साबत सूरत बनने के लिए कहा।डीजीपी अमरदी सिंह राय ने विश्वाश प्रकट किया कि एसे साबत सूरत टूर्नामैंटों स्वरूप नौजवानों में खेल सभ्याचार को पुनर्जीवित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एसे प्रयास से अपनी राष्ट्रीय टीमों में सिख खिलाड़ी शानदार भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि बीते समय में बहुत से सिख देश के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके हैं और हम एक बार फिर से साबत-सूरत खिलाड़ी टीमों में भाग लेते हुए देख रहे हैं।डायरैक्टर खेल चंडीगढ़ तेजदीप सिंह ने खालसा एफ.सी के यत्नों की प्रशंसा करते हुए खिलाडिय़ों के लिए हर तरह की मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि साबत-सूरत टीमें निश्चित तौर पर खेल में डोपिंग सम्बन्धी समस्याओं के ख़ात्मे के लिए रास्ता साफ करेंगी।शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के जूनियर उप-प्रधान गुरबख्श सिंह खालसा ने प्रबंधकों को इस महत्वपूर्ण कदम के लिए बधाई देते हुए भविष्य में एसे मुकाबलों में एसजीपीसी की तरफ से सहयोग का भरोसा दिया। चण्डीगढ़ के पूर्व डिप्टी मेयर हरदीप सिंह बुटरेला ने कहा कि खालसा फ़ुटबाल क्लब के सहयोग और चण्डीगढ़ की संगतें की मदद से चण्डीगढ़ में भी सिख फ़ुटबाल कप करवाया जायेगा।इस मौके पर विश्व प्रसिद्ध एथलीट मान कौर को उनके एथलेटिक प्रदर्शनों के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने इस टूर्नामैंट को खेल के क्षेत्र में नया अध्याय बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह विलक्षण खेल उत्सव सिख सांस्कृतिक नैतिक मूल्यों को उत्साहित करने के साथ-साथ विश्वभर में सिख भावना को और ऊजागर करने में सहायक होगा।इस मौके पर दूसरों के अलावा पीपीएससी के पूर्व मैंबर सुखवंत सिंह सराओ, चंडीगढ़ के पूर्व डिप्टी मेयर हरदीप सिंह बुटरेला, अर्जुन अवार्डी गुरदेव सिंह गिल, अमरीक सिंह सिद्धू यूके, सीनियर उपप्रधान बलविन्दर सिंह जोढ़ा सिंह, उप प्रधान अमनजीत सिंह और मनजीत सिंह खालसा, कँवर हरबीर सिंह ढींडसा, सचिव जनरल डा. प्रीतम सिंह, जुआइंट सचिव मनजीत सिंह प्रशिक्षक, प्रो. परमप्रीत कैंडोवाल, सुरजीत सिंह बैंस, हरप्रीत सिंह सराओ और हर्षवीर सिंह गरेवाल, माझा जोन के कोऑर्डीनेटर हरजीत सिंह खालसा, सचिव हरजिन्दर कुमार, वित्त सचिव बलजीत सिंह, जैतशाहूदीप सिंह गरेवाल, कार्यकारी मैंबर इन्द्रजीत सिंह संधू, जसवंत सिंह जस्सा, परमजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, मास्टर गुरचरन सिंह, पंजाब फ़ुटबाल एसोसिएशन के उपप्रधान अमरजीत सिंह कोहली, साधु सिंह प्रधान गुरुद्वारा सैक्टर 34, गोबिन्दर सिंह डीपीई, बलबीर सिंह चावला, जगमीत सिंह भोला, अमरजोत सिंह बराड़, रणजीत सिंह, मनजिन्दर सिंह प्रशिक्षक, भूपिन्दर सिंह मुंडी खरड़, बीबी बलविन्दर कौर, शोशल मीडिया इंचार्ज प्रभमीत सिंह और वरुण भारद्वाज शामिल थे।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020