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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

इवोलेट की एमडी बोली, 'धन्नो इज्जत बचाए ही नहीं, इज्जत कमाए भी'; ई-व्हीकल के इस्तेमाल से लोगों की दुविधा होगी दूर

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Dainik Bhaskar

Feb 08, 2020, 07:56 PM IST

ऑटो डेस्क. ऑटो एक्सपो 2020 में कई स्टार्टअप भी शामिल हुए हैं। इनमें एक नाम इवोलेट कंपनी का भी है। इस कंपनी को बीते साल जून 2019 में शुरू किया गया था। लगभग 8 महीने के सफर में इस कंपनी ने तेजी से अपनी पहचान बनाई है। इसकी वजह इसके  लग्जरी लेकिन बजट इलेक्ट्रिक व्हीकल हैं। इवोलेट स्कूटर, बाइक, ऑटो और बस सेगमेंट के इलेक्ट्रिक व्हीकल बना रही है। इवोलेट की मैनेजिंग डायरेक्टर प्रेरणा चतुर्वेदी हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर को खास इंटरव्यू में कंपनी की स्ट्रेटजी, आने वाली चुनौतियां, मार्केट शेयर जैसे कई मुद्दों पर बात की। उनसे बातचीत के कुछ अंश (वीडियो में देखें पूरी बातचीत)…

सवाल : बतौर महिला इवोलेट कंपनी को शुरू करते समय मन में किसी तरह का डर था?
प्रेरणा : प्रोडक्ट चलाने के लिए किसी पुरुष या महिला मायने नहीं रखता है। देश की महिलाएं सभी फील्ड में अपनी पहचान बना रही हैं। हम अभी स्टार्टअप हैं। हमारी बहुत छोटी सी कंपनी है। ऐसे में हमारे लिए अभी सबसे जरूरी है कि अपने ग्राहकों और डीलर्स के साथ एक रिश्ता कायम करें। बाकी चीजें अपनी आप बेहतर हो जाएंगी।

सवाल : अभी आपकी कंपनी के कितने प्रोडक्ट आ रहे हैं?
प्रेरणा : अभी हमारे पास 37 प्रोडक्ट की प्लानिंग है। ये सभी प्रोडक्ट उपलब्ध भी हैं, लेकिन हमने इसमें से बेस्ट पार्ट उठाकर अपनी एंट्री लेवल सेगमेंट में डाले हैं। ताकि ग्राहकों को सबकुछ बेहतर मिले। अभी पॉनी, पोलो और डर्बी हमारे एंट्री लेवल सेगमेंट के टू-व्हीलर हैं। हमने ग्राहकों को सभी तरह की रेंज वाले प्रोडक्ट दिए हैं। जिस ग्राहक को डेली 15 से 20 किलोमीटर का काम पड़ता है, उसके लिए हमने कीमत को कम करके बेस्ट प्रोडक्ट दिया है। हम धन्नो जैसा प्रोडक्ट भी लेकर आए। जो ग्राहकों को काफी पसंद आ रही है। धन्नो पैसे बचाए ही नहीं, पैसे कमाए भी। धन्नो इज्जत बचाए ही नहीं, इज्जत कमाए भी।

सवाल : एथर, अप्रिलिया, हीरो जैसी कई कंपनियां के इ-व्हीकल को कितनी बड़ी चुनौती मानती हैं?
प्रेरणा : कई बार ऐसा होता है कि जो आपकी कमजोरी होती है, वही आपकी मजबूत कड़ी बन जाती है। हमारे साथ भी कुछ ऐसा ही है। हमें लगा था कि स्टार्टअप है और हमारे पास एक्सपीरियंस नहीं है, लेकिन हमारे पास सबकुछ नया है, जो हमारे लिए अच्छी बात है। जहां तक इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात है, तो जो प्रॉब्लम हमें आएंगी वैसी ही प्रॉब्लम से दूसरी बड़ी कंपनियों को भी सामना करना पड़ेगा। ऐसे में उस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन को सबसे पहले और बेहतर तरीके से कौन खोजता है, ये बड़ी बात है। हम किसी प्रतिस्पर्धा में नहीं पड़ना चाहते। हम सभी साथ मिलकर चलते हैं तब मार्केट शेयर का सवाल कभी किसी के सामने नहीं आएगा।

सवाल : ई-व्हीकल की चार्जिंग रास्ते में खत्म हो जाए, तब ग्राहक क्या करेगा?
प्रेरणा : इस स्थिति में हम वही करेंगे जो पेट्रोल व्हीकल के साथ करते हैं। जैसे, मान लीजिए आपके स्मार्टफोन की बैटरी खत्म हो जाए, तब हम किसी दूसरे का फोन लेकर आगे इन्फॉर्म करते हैं। या फिर पावरबैंक का इस्तेमाल करते हैं। ठीक इसी तरह यदि कभी ऐसी स्थिति बन जाती है और व्हीकल को चार्ज नहीं कर पाए, तब उसके लिए आपको एक्सट्रा बैटरी लेकर चलना होगा। वैसे, ऐप की मदद से गाड़ी की बैटरी कैपेसिटी और रेंज को हमेशा चेक करना चाहिए। जैसे-जैसे ये इंडस्ट्री ग्रोथ करेगी हो सकता है कई और समस्याएं सामने आएं। लेकिन समस्याओं का पता लगाकर इसका समाधान ढूंढा जा रहा है।

सवाल : क्या स्टार्टअप की सफलता को लेकर कभी डर लगता है?
प्रेरणा : ग्राहक के मन में हमेशा ये दुविधा बनी रहती है, कि मार्केट लगातार बदल रहा है। जो टेक्नोलॉजी आज काम कर रही है, वो कुछ समय में पुरानी हो जाएगी। जैसे एलसीडी कभी नया था आज उसकी जगह एलईडी ने ले ली है। अब एलईडी कितने समय बाजार में रहेगा। तो इस तरह की चुनौतियां हमेशा ही आती रहेंगी। ठीक ऐसे ही जब पहली बार कोई ग्राहक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदेगा और उसे इस्तेमाल करेगा तभी उसके मन रा डर दूर होगा। पहले लोगों के मन में डर था, लेकिन अब जिस तरह से मार्केट में लगातार इलेक्ट्रिक व्हीकल आ रहे हैं। इससे लोगों की दुविधा खत्म हो जाएगी।