Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

लाखों रुपए के जाली बिल बनाकर पुलिसवालों के खाते में डाला पैसा, बाद में आपस में बांटा

0
78

  • चंडीगढ़ पुलिस में तीन साल से चल रहा था सैलरी घोटाला
  • पुलिस का पैसा बाबुओं ने लूटा, जूनियर्स को फंसाने की तैयारी

Dainik Bhaskar

Feb 06, 2020, 08:20 AM IST

चंडीगढ़ (संजीव कुमार महाजन). चंडीगढ़ पुलिस के एक्सपर्ट्स बाबुओं ने पुलिसवालों के साथ मिलकर लाखों रुपए का घोटाला कर दिया है। तीन साल से यह घोटाला चल रहा था। लाखों रुपए जाली बिल बनाकर निकलवाए गए, पैसा आपस में बंटा। हेडक्वार्टर में तैनात सारे बाबुओं और पुलिसकर्मियों में इसकी चर्चा है।

जब मामले का खुलासा हुआ तो बड़े बाबुओं को बचाने के लिए छोटे पुलिसकर्मियों और जूनियर असिस्टेंट पर कार्रवाई की तैयारी है। अब तक केस तक दर्ज नहीं किया गया है। मामले की जांच डीएसपी हेडक्वार्टर कर रहे हैं। सारी जालसाजी अफसरों की जानकारी में है। बावजूद इसके असली गुनहगारों को बचाने का प्रयास जारी हैं। 

फाइनेंस सेक्रेटरी अजॉय कुमार सिन्हा और डीजीपी संजय बैनीवाल को किसी ने लिखित शिकायत भेजी थी। इसमें पुलिस में गए अकाउंट्स के बड़े बाबू जिसमें एसओ अकाउंट्स का जिक्र किया गया। शिकायत में लिखा कि पुलिस मुलाजिमों के जाली बिल एलटीए आदि बनाकर लाखों का घोटाला किया गया।

पुलिसकर्मियों के अकाउंट्स में ज्यादा सैलरी डाली गई। बाद में पैसा आपस में बांटा जाता रहा। सिलसिला तीन साल से चल रहा था। शिकायत के बाद डीजीपी ने एसपी हेडक्वॉर्टर मनोज कुमार मीना को जांच दी। जांच में स्पष्ट हुआ कि करीब 40 पुलिसवालों के अकाउंट्स में ज्यादा पैसा जाता रहा।

अलग-अलग पुलिसकर्मियों के नाम से एलटीए बिल आदि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर बनाए गए। इसके बाद यह बिल ट्रेजरी विभाग से पास करवाए गए। इसके बाद जब पैसा डालना था तो अकाउंट डिपार्टमेंट ने उन पुलिसकर्मियों की जगह अपने चहेते पुलिसकर्मियों के अकाउंट में डाल दिए।

बुधवार को पुलिस के एसीएफए सुधीर पराशर ने अपनी रिपोर्ट अफसरों  को दी। बताया कि अकाउंट्स डिपार्टमेंट की मिलीभगत से सारा घोटाला हुआइसमें एसओ जगदीप के रोल का भी जिक्र किया गया, जबकि दूसरी तरफ सारी जिम्मेदारी अकाउंट्स डिपार्टमेंट के जूनियर असिस्टेंट बलविंदर पर डाल दी गई। बताया गया कि पुलिस खुद इस मामले में 40 पुलिसकर्मियों और अन्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने जा रही है। केस विजिलेंस को भी ट्रांसफर किया जा रहा है। 

जाली बिलों की कॉपियां गायब भी कर दीं

जब मामले की जांच शुरू हुई तो बताया गया कि तुरंत जाली बिलों की काॅपियां तक गायब कर दी गई, ताकि पकड़ मेें न आएं। जांच में यहां तक लिखा कि इन बिलों की कार्बन काॅपियां जारी ही नहीं की गई। जबकि अगर बिल की कॉपी ही न बने तो ऑडिट कैसे हो। इसलिए स्पष्ट है कि सारा रिकाॅर्ड गायब किया गया।

ऐसे किया घोटाला

पुलिस के अकाउंट्स डिपार्टमेंट ने चुपचाप पुलिसकर्मियों की सर्विस बुक अपने पास मंगवानी शुरू कर दी। सर्विस बुक मंगवाने के बाद उसी में जाली बिल बनाकर, बिल पास करवाकर, पैसे निकलवाकर और रिकाॅर्ड सर्विस बुक में लगाकर सर्विस बुक वापस ब्रांच में भेज दी जाती थी। कायदे के मुताबिक गजटेड अफसर के नीचे सर्विस बुक मंगवाई ही नहीं जा सकती। साफ है कि पुलिस में कार्यरत सैकड़ों पुलिसकर्मियों के साथ धोखाधड़ी हुई। 
 

चर्चा एक आईएएस की

चहेते बाबू को बचाने के लिए यूटी में दो साल पहले तैनात रहे एक आईएएस अफसर पूरा जोर लगा रहे हैं। उन्हीं की तैनाती के दौरान यह बाबू यूटी पुलिस में भेजा गया। इसके लिए यह आईएएस साहब डीएसपी लेवल पर भी फोन घुमाने से परहेज नहीं कर रहे। पूरजोर कोशिश हो रही है कि मामला विजिलेंस में चला जाए और उनका बाबू तुरंत गिरफ्तारी से बच सके।