साल 2013 में पावरकाॅम ने जीरकपुर में अपना ऑफिस पभात से शिफ्ट किया। वहां से आॅफिस को नगर परिषद जीरकपुर के पुराने ऑफिस में शिफ्ट किया, जो पटियाला लाइट पॉइंट के नजदीक जीरकपुर गांव के पास है। पार्किंग न होने कारण पावरकॉम दफ्तर के आगे ट्रैफिक जाम रहता है।
इस अाॅफिस की वजह से यहां के आसपास के घरांे के लोग अपने ही घर तक गाड़ी ले जाने के लिए लंबा इंतजार करते हैं। कई बार गाड़ी दूर कहीं खड़ी कर पैदल ही घर आते हैं। शुक्रवार को यहां रहने वाले कुलदीप सिंह ने कहा कि मैं अपनी गाड़ी दूर कहीं खड़ी कर आया हूं। इस अाॅफिस को यहां से शिफ्ट करने की जरूरत है। शहर के लोग भी चाहते हैं कि जीरकपुर में बिशनपुरा एरिया में ही पावरकाॅम का अाॅफिस होना चाहिए। यहां एमसी आॅफिस, तहसील और पुलिस स्टेशन भी है। यहां पार्किंग की समस्या नहीं है। पावरकाॅम को भी यहीं कहीं अपना ऑफिस बनाना चाहिए।
पहले यहां नगर परिषद जीरकपुर का दफ्तर था। उस समय भी यहां अक्सर जाम वाली स्थिति बनी रहती थी। एमसी ने अपनी बिल्डिंग दूसरी जगह पर बनाकर इस समस्या से छुटकारा पा लिया था, लेकिन अब यहां बनाए गए पावरकॉम दफ्तर आगे रोज लगने वाली गाड़ियों कारण आम लोगों को इस समस्या के साथ दो-चार होना पड़ रहा है। पावरकॉम दफ्तर के आगे से निकलने वाली यह सड़क सिर्फ 20 से 22 फुट की ही है जिस पर हर समय जाम लगा रहता है, क्योंकि जो भी व्यक्ति बिजली का बिल भरने या बिजली से संबंधित कोई काम करवाने आता है उसको पार्किंग की जगह न मिलने कारण अपना गाड़ी सड़क पर ही खड़ी करनी पड़ती है।
इससे उन लोगांे को रास्ता नहीं मिलता जिनके घर इस बिल्डिंग के आसपास है। यह सड़क, टू व्हीलर और कारों की वजह से ब्लाॅक हो जाती है। इस कारण बार-बार उन्हें दिक्कत होती है।
स्कूली बच्चों को हो रही दिक्कत…आसपास रहने वाले लोगों के लिए यह बहुत बड़ी समस्या बन गई है क्योंकि यही सड़क जीरकपुर गांव व अन्य कई काॅलोनियों का मुख्य रास्ता है, जिनके आने-जाने का एक मात्र यही रास्ता है और साथ ही एक सरकारी एलिमेंट्री स्कूल भी बना हुआ है जिसके साथ बच्चों को भी यहां जाम के होने के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।