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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

गुरु का लंगर आई अस्पताल ने 11 माह में 200 कॉर्निया प्रत्यारोपण कर बड़ी उपलब्धि प्र्राप्त की

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चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। गुरु का लंगर आई अस्पताल ने पुरे उत्तर भारत में ग्यारह महीनों के रिकॉर्ड समय में अधिकतम कॉर्निया प्रत्यारोपण (200) कर बड़ी उपलब्धि प्राप्त की। गुरु का लंगर आई अस्पताल ने अपने 1 वर्ष के कार्यकाल में 500 से अधिक कॉर्निया प्रत्यारोपण करने की उम्मीद जाहिर की हैं। यह जानकारी गुरु का लंगर आई अस्पताल के महासचिव हरजीत सिंह सभरवाल ने सेक्टर 18 बी चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी ।इस अवसर पर गुरदीप सिंह (अध्यक्ष), रविंदर सिंह (संयुक्त सचिव), एम पी एस चावला (मीडिया प्रभारी) और डॉक्टर रोहित गुप्ता सहित टीम के सभी सदस्य भी उपस्थित थे।एच एस सभरवाल ने आगे कहा कि गुरु का लंगर नेत्र अस्पताल, श्री गुरु ग्रंथ साहिब सेवा सोसाइटी (रजिस्टर्ड), चंडीगढ़ का एक प्रोजेक्ट है। इस अस्पताल को 10 फरवरी, 2018 को, मरीजों को पूरी तरह से नि:शुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा सहित विश्व स्तरीय नेत्र उपचार प्रदान करने के लिए एक नई अवधारणा और नई सोच के साथ शुरू किया गया था। सबसे अच्छी बात यह है कि इस अस्पताल में कोई कैश काउंटर नहीं है। हॉस्पिटल में नि:शुल्क नेत्र सर्जरी (मोतियाबिंद, रेटिना इस अस्पताल में कॉर्निया ट्रांसप्लांट) किया जाता है, इसके अलावा जरूरतमंद मरीजों के लिए रहने और लंगर की व्यवस्था भी की जाती है। उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में नेत्र उपचार के लिए पूरे भारत से मरीज आ रहे हैं। इस अस्पताल से अभी तक एक साल और 11 महीने में 284000 से अधिक मरीजों ने उपचार लिया है। जबकि फोल्डेबल लेंस के साथ फाको तकनीक के साथ 19000 से अधिक मोतियाबिंद सर्जरी की गयी है। अब तक 580 रेटिना सर्जरी की गयी है, पीजीआई में इस सर्जरी की लागत लगभग 50,000 /- रुपये प्रति रोगी) है, आउट अब तक 200 कॉर्निया प्रत्यारोपण किये जा चुके है।उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल के पास पी जी आई, एम्स और अन्य संसथान के डॉक्टर्स की समर्पित प्रोफेशनल टीम है। उनके पास मोतियाबिंद और रेटिना की जांच और सर्जरी के लिए अत्याधुनिक इक्विपमेंट्स मौजूद है।एच एस सभरवाल ने आगे कहा कि उन्होंने 10 फरबरी 2018 को मोतियाबिंद प्रत्यारोपण की शुरुआत की थी । गुरुनानक देव जी की दया मेहर और आशीर्वाद तथा संगत की दुआओं से मात्र 11 महीने में हम 200 कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने में कामयाब हुए । जोकि पुरे उतर भारत में अपने आप में एक विशेष उपलब्धि है। बहुत ही छोटे समय में कॉर्निया ट्रांसप्लांट्स किये गए और किसी भी मरीज से कुछ भी चार्ज नहीं किया गया । वही पी जी आई, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए 03 से 06 साल की वेटिंग चल रही है। अब हम मरीज की अस्पताल में रजिस्ट्रेशन के मात्र 10 में कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने में सक्षम है। उहोंने कहा कि हॉस्पिटल में वो गुरु का लंगर आई बैंक शुरू करने जा रहे है, जोकि पुरे उत्तर भारत में बहुत ही बड़ा आई बैंक होगा। इसकी शुरुआत कि परमिशन के लिए वो अप्लाई कर चुके है और उन्हें पूरी उम्मीद है जल्द ही उन्हें परमिशन मिल जायेगी । कॉर्निया ट्रांसप्लांट के मरीजों कि भलाई हेतु ये बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आई बैंक के प्रथम वर्ष में वो 500 से अधिक कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने में कामयाब होंगे ।