चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। गत्ता उद्योग चलाने के लिए प्रयोग होने वाले रॉ मैटीरियल के लगातार बढ़ते दामों और पेपर मिलों की धक्केशाही से तंग गत्ता उद्योग तालेबंदी की कगार पर है। गत्ता उद्योगों को चलाने के लिए प्रयोग होने वाले क्राफ्ट पेपर, गोंद, स्टीचिंग वायर व प्रिंटिंग इंक के दामों में लगातार हो रहे बेतहाशा इजाफे ने बाक्स निर्माताओं की कमर तोड़ दी है। ये बात आज प्रेस कांफ्रेंस में नार्थ इंडिया कोरुगेटिड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कही। इन पदाधिकारियों में हिमाचल प्रदेश से सुरिंदर जैन, पंजाब से वरुण गाँधी, हरियाणा से रजत गुप्ता, उत्तर प्रदेश से सुशील सूद, जम्मू एंड कश्मीर से हरीश गुलाटी एवं राजस्थान से राजीव कट्टा शामिल थे।हिमाचल से गत्ता उद्योग संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि एक तरफ तो देश मंदी की मार झेल रहा है और ऊपर से लगातार पेपर मिलों द्वारा मनमाने ढंग से कच्चे माल के रेट बढ़ाए जा रहे हैं जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा मंदी के इस दौर में इस उद्योग पर संकट मंडरा रहा है । उन्होंने बताया कि गत्ता उद्योग महज 5त्न के मार्जिन पर काम करता है जबकि पेपर मिल्स ने मनमानी करते हुए लगभग 20 तक रेट बढ़ा दियें हैं जिससे काम करना दुश्वार हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को पेपर मिलों की धक्केशाही पर रोक लगाने के लिए कारगर कदम उठाने के साथ-साथ नई पेपर मिलों को स्थापित करने की संभावनाएं तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि पेपर मिलों ने अपनी दादागिरी न छोड़ी तो उद्योग ताला बंदी की तरफ जा सकता है । उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मामले में दखल दे और पेपर मिलों की मनमर्जी पर अंकुश लगाएं ।नहीं तो मजबूरन गत्ता उद्योग मालिकों को उद्योगों पर ताले लगाकर चाबियां बैकों व सरकार को सौंपनी पड़ेगी। यही नहीं, इन पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार ने उचित कदम उठाकर दखल नहीं दिया तो वे लोग मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर सकतें है।
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Citizen Awareness Group उद्योग मालिकों ने पेपर मिल्स पर गैरकानूनी कोर्टल बनाकर मनमाने रेट बढ़ाने...
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020