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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पहले सूचना छिपाई, फिर 1726 अफसरों ने जुर्माने के 2.27 रुपए करोड़ दबाए

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  • राज्य सूचना आयोग की ओर से प्रदेश में कांग्रेस से ज्यादा भाजपा शासनकाल में अफसरों पर लगा जुर्माना
  • 2006 से 2019 तक 2974 अफसरों पर सूचना न देने पर लग चुका है 3.50 करोड़ का जुर्माना

Dainik Bhaskar

Jan 20, 2020, 08:54 AM IST

चंडीगढ़ . प्रदेश में अधिकारी न केवल सूचना छुपा रहे हैं, बल्कि राज्य सूचना अधिकार आयोग की ओर से लगाया जाने वाला जुर्माना भी जमा नहीं करा रहे हैं। 2006 से अब तक प्रदेश 2974 अफसरों पर आयोग की ओर से सूचना न देने पर 3 करोड़ 50 लाख 54 हजार 740 रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। परंतु इनमें 1726 डिफाल्टर जन सूचना अधिकारियों ने अभी तक 2 करोड़ 27 लाख 42 हजार 524 रुपए का जुर्माना जमा नहीं कराया है। खास बात यह है कि सूचना न देने का होसल्ला अधिकारियों का भाजपा के शासन में बढ़ा है।

तुलनात्मक स्थिति में जहां भाजपा शासन काल में डिफाल्टर जन सूचना अधिकारियों का औसत 64 प्रतिशत रहा है। जबकि जुर्माना राशि मात्र 28.62 फीसदी ही जमा हुई। जबकि कांग्रेस शासन में सूचना ना देने के डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों का औसत 46 प्रतिशत रहा व इनसे जुर्माना वसूली का औसत 72.15 फीसदी रहा। कुल बकाया जुर्माना राशि में से 85 प्रतिशत जुर्माना राशि भाजपा शासन काल की है। इसका खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर की ओर से ली गई सूचना में हुआ है। अब तक आयोग में दर्ज कुल 77,342 अपील केसों में से 73, 871 केसों का निपटारा हुआ। जबकि 3471 अपील केस सुनवाई के लिए लंबित हैं। 

यह भी जानें

कांग्रेस के 9 वर्ष के शासनकाल वर्ष 2006 से 2014 तक कुल 984 डिफाल्टर जन सूचना अधिकारियों पर कुल 78 लाख56 हजार 750 रुपए का जुर्माना सूचना न देने पर लगाया गया। इनमें से 530 अधिकारियों ने 44 लाख 4 हजार 950रुपए का जुर्माना जमा कराया। जबकि 454 डिफाल्टर जन सूचना अधिकारियों ने 34 हजार 51 हजार 800 रुपए दबाए बैठे हैं। जबकि भाजपा शासन के 5 वर्ष के शासन काल वर्ष 2015-2019 तक में सूचना ना देने के दोषी कुल 1990 अधिकारियों पर कुल 2 करोड़ 71 लाख 97 हजार 990 रुपए का जुर्माना लगा।  इनमें कुल 718 डिफाल्टरों से ही मात्र 78 लाख 90 हजार 866 रुपए वसूले जा सके। जबकि शेष 1272 डिफाल्टर जनसूचना अधिकारियों ने राज्य सूचना आयोग के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए कुल 1 करोड़ 93 लाख 7 हजार 124 रुपए की जुर्माना राशि जमा नहीं करवाई।

एचसीएस स्तर तक के अफसरों ने जमा नहीं करवाया जुर्माना
आरटीअाअाई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने दावा किया है कि चरखी दादरी के तत्कालीन एसडीएम बिजेंद्र हुड्डा की तरफ 50 हजार रुपए, अंबाला के एसडीएम सतिंद्र सिवाच  5 हजार रुपए, एसडीएम बरवाला प्रशांत इशकान 7500 रुपए जमा नहीं कराया। एसडीएम लोहारू सतबीर सिंह झांगू ने 25 हजार, हिसार सिटी मजिस्ट्रेट कुमारी शालिनी चेतल ने 25 हजार,  एसई यूएचबीवीएनएल पानीपत वीएस मान ने 12 हजार पांच सौ,  आईटी टीआर खानपुर कलां चेयरपर्सन डा सुमन दलाल ने 60 हजार रुपए गुड़गांव के एस्टेट ऑफिसर बीबी गोगिया ने 25 हजार , करनाल बीडीपीओ अशोक छिक्कारा ने 50 हजार, सोनीपत तहसीलदार विकास सिंह ने 50 हजार और गुड़गांव नगर निगम के सूचना अधिकारी ईशम सिंह ने 65 हजार रुपए जमा नहीं कराए हैं। इनके अलावा और भी अनेक अफसर हैं।