- 19 साल की बांधवी सिंह के पिता भी नेशनल शूटर रहे हैं, टूर्नामेंट के पहले 15 दिन प्रैक्टिस की थी
- बांधवी ने कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली है, उनके पिता यशवर्धन सिंह भी शूटर रह चुके हैं
Dainik Bhaskar
Dec 22, 2019, 09:15 AM IST
कृष्ण कुमार पांडेय, भोपाल. 19 साल की बांधवी सिंह ने नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में शनिवार को 4 गोल्ड जीतकर सबसे चौंका दिया। मप्र के शहडोल जिले के पास सुहागपुर गांव की बांधवी ने ओलिंपिक कोटा दिलाने वाली सीनियर शूटर अंजुम मुदगिल को हराया। बांधवी पहले भी नेशनल खेल चुकी हैं।
उन्होंने कुछ महीने पहले ही 50 मीटर की .22 राइफल थामी है। इससे पहले वे 10 मीटर में पीप साइट पर शूट करती थीं। बांधवी के पिता यशवर्धन सिंह शूटर रह चुके हैं। उन्होंने 80 के दशक में कुछ नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा भी लिया था। बांधवी ने कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली है। उन्हें शूटिंग विरासत में मिली है। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई कर रहीं बांधवी कॉलेज में ही शूटिंग प्रैक्टिस करती हैं। उन्होंने अपने पहले नेशनल टूर्नामेंट के लिए पिछले महीने दिल्ली के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में 15 दिन प्रैक्टिस की थी। अब मप्र राज्य शूटिंग एकेडमी ने उन्हें एडमिशन का प्रस्ताव दिया है।
अंजुम को देखकर तैयारी की, सीनियर कैटेगरी में उन्हीं को हराकर गोल्ड जीता
बांधवी ने कहा कि मैंने मेडल के बारे में नहीं सोचा था। मैंने अंजुम को ही देखकर अपनी तैयारी की थी। पिछले साल उनका स्कोर सबसे ज्यादा था। मैं मेहुली घोष और अपूर्वी चंदेला से भी प्रभावित हूं। टूर्नामेंट के लिए प्रैक्टिस अपने हिसाब से की थी क्योंकि वहां मेरे पास कोई कोच नहीं था। उन्होंने 50 मीटर राइफल प्रोन के सीनियर, जूनियर, सीनियर सिविलियन और जूनियर सिविलियन में गोल्ड जीता। उन्होंने अंजुम मुदगिल को सीनियर कैटेगरी में हराया।
हॉकी के 6 नेशनल टूर्नामेंट खेल चुकी हैं, पिछले साल बेस्ट गोलकीपर भी रहीं
बांधवी शूटिंग से पहले हॉकी खेलती थीं। उन्होंने छह नेशनल टूर्नामेंट में प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व किया। वे पिछले साल बेस्ट गोलकीपर भी चुनी गई हैं। हॉकी छोड़ने पर उन्होंने कहा कि मैं खुद कुछ करना चाहती थी और हॉकी टीम गेम है। इसलिए शूटिंग को चुना। बांधवी के नाना 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग में भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं। वर्तमान आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत बांधवी सिंह के फूफाजी हैं।