रादौर के गांव खुर्दबन निवासी इनेलो वर्कर कर्मवीर खुर्दबन की जमीन के फर्जी दस्तावेज गुरुग्राम में तैयार कराए गए हैं। जांच में सामने आया है कि गुरुग्राम के राजकुमार अस्टाम वेंडर के यहां से दस्तावेज तैयार किराए गए। इसके बाद रादौर तहसील में बायनामा रजिस्टर्ड कराया गया। बायनामा 96 में से 48 कनाल, पांच मरले का कराया गया जोकि जयकुमार पुत्र ईश्वर सिंह के नाम है। पूर्व विधायक से पुलिस चार दिन के रिमांड के दौरान यह बायनामा रिकवर नहीं कर पाई। आरोपी शेर सिंह ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उसने दस्तावेज अपने कुरुक्षेत्र और गुरुग्राम के सेक्टर-44 स्थित मकान में रखे हैं, लेकिन पुलिस इन्हें बरामद नहीं कर पाई। अब पुलिस नामजद अन्य आरोपियों से फर्जी दस्तावेजों की रिकवरी का प्रयास करेगी क्योंकि बुधवार को कोर्ट ने आरोपी शेर सिंह का पुलिस रिमांड नहीं दिया। पटवारी से अस्टाम वेंडर और अन्य गवाहों को समन जारी किया है। बुधवार को कोर्ट में आरोपी बड़शामी के साइन के सैंपल लिए। उन्हें लैब में भेजा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि जो बायनामा बनवाया गया था उसमें साइन उन्हीं के थे या नहीं। उन्होंने कोर्ट में यह बात पूछी कि साइन हिंदी में किए जाएं या फिर अंग्रेजी में। उन्होंने अंग्रेजी में साइन किए।
4 दिन का रिमांड, 45 लाख में से मात्र 40 हजार की रिकवरी: 30 नवंबर को पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी ने जमीन की धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट में सरेंडर किया था। तब पुलिस ने पांच दिन का रिमांड यह कहते हुए मांगा था कि बायनामा के 45 लाख और दस्तावेज बरामद करने हैं। इसके लिए कुरुक्षेत्र और गुरुग्राम उनके आवास पर जाना है। कोर्ट ने तब दो दिन का रिमांड मंजूर किया था। इस दौरान पुलिस 40 हजार रुपए ही बरामद कर पाई। इसके बाद कोर्ट से पुलिस ने 7 दिन का रिमांड मांगा। फिर वही दलील दी। तब भी कोर्ट ने दो दिन का रिमांड दिया, लेकिन पुलिस इसमें भी बरामदगी नहीं कर पाई। बुधवार को जब पुलिस उन्हें लेकर तीसरी बार कोर्ट में पहुंची तो पुलिस ने दो दिन का रिमांड और मांगा, लेकिन कोर्ट ने कहा कि चार दिन में क्या लिया। कोर्ट ने रिमांड देने से मना कर दिया। पुलिस फर्जी दस्तावेज बरामद नहीं कर पाई। पुलिस चार दिन के रिमांड में 40 हजार रुपए ही बरामद कर पाई है। बड़शामी सोमवार को मुंह पर कपड़ा बांध कर पहुंचे थे लेकिन बुधवार को उन्होंने मुंह पर कोई कपड़ा नहीं बांधा था।
जमीन का सौदा कराने गए थे बड़शामी के पास, लेकिन जमाबंदी वहां पर रहने का फायदा उठाया
गांव खुर्दबन निवासी कर्मवीर सिंह की शिकायत पर रादौर पुलिस ने 27 नवंबर को लाडवा के पूर्व विधायक शेर सिंह, गुरुग्राम निवासी कर्म सिंह और ईश्वर सिंह पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। शिकायत में कर्मवीर ने कहा है कि वे दो एकड़ जमीन बेचना चाहते थे। इसको लेकर शेर सिंह बड़शामी के पास गए थे। वहां पर जमीन खरीदने वालों से उनकी दो मीटिंग हुई, लेकिन रेट पर सहमति नहीं बनी। इसलिए वापस आ गए थे। दो जुलाई 2016 को उनके पास पानीपत के एक एडवोकेट की तरफ से नोटिस आया। उसमें कहा गया कि उनकी जमीन की पॉवर ऑफ अटॉर्नी शेर सिंह के पास है। उन्होंने उनकी जमीन का 12 मार्च 2016 को 48 कनाल, पांच मरले जमीन का बायनामा 45 लाख रुपए लेकर कराया है। इसकी रजिस्ट्री कराई जाए। कर्मवीर के अनुसार उन्होंने न तो किसी को पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं दी और न ही अपनी जमीन का बायनामा किया। पुलिस ने बात नहीं सुनी तो कोर्ट में गए। सीजेएम ने इस मामले में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।
बीमार होने का हवाला देकर मांगी जमानत, क्या बीमारी इसका रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए: बुधवार को आरोपी पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी ने जमानत याचिका लगाई है। उन्होंने बीमार होने का हवाला देकर जमानत मांगी। कोर्ट में उनसे पूछा गया कि उन्हें क्या बीमारी है इसके दस्तावेज दिखाए जाएं। लेकिन वे कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। उनकी जमानत याचिका पर छह दिसंबर को सुनवाई होगी।
बुधवार को परिजनों ने नहीं किया प्रोटेक्ट:
सोमवार को जब पूर्व विधायक शेर सिंह को पुलिस कोर्ट में लेकर आई थी तब पुलिस से ज्यादा उनके परिवार के लोगों ने उन्हें प्रोटेक्शन दी हुई थी। भास्कर ने यह मुद्दा उठाया था। बुधवार को परिवार के लोग और समर्थक पहले दिन से ज्यादा पहुंचे थे, लेकिन वे दूर ही नजर आए। इनेलो पार्टी के कई सीनियर नेता भी बुधवार को कोर्ट पहुंचे थे।