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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

आयकर कर्मचारी महासंघ ने पुरानी को पेंशन प्रणाली बहाल करने की मांग की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में एन पी एस की समाप्ति प्रमुख मुद्दा

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जीरकपुर/चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री।केंद्र सरकार द्वारा पुरानी पेंशन व्यवस्था को खत्म कर नए सिस्टम को लागू किये जाने के विरोध में आयकर विभाग के कर्मचारी लामबंद हो गए है। इसी सिलसिले में आज विभाग के सैंकड़ों कर्मचारियों ने एकजुट होकर आयकर कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जीरकपुर में सम्मेलन का आयोजन किया और पेंशन व्यवस्था को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस अवसर पर कामरेड रूपक सरकार महासचिव- आई टी ई एफ.सी एच क्यू- नई दिल्ली, ने बताया दिनांक 08.01.2020 को होनेवाले राष्ट्रव्यापी हड़ताल में एन पी एस की समाप्ति सबसे प्रमुख मुद्दा है। कन्फेडरेशप्न ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के प्रेजिडेंट कामरेड केककेकएन कुट्टी, कामरेड रूपक सरकार महासचिव- आई टी ई एफ.सी एच क्यू- नई दिल्ली, कामरेड आर एस वालिया अध्यक्ष आई टी ई एफ, उत्तर पश्चिम सर्किल और कामरेड राजिंदर सिंह-महासचिव आई टी ई एफ उत्तर पश्चिम सर्किल के साथ साथ सर्किल के सभी पदाधिकारी तथा आयकर विभाग, उत्तर पश्चिम क्षेत्र के सभी स्टेशनों के कर्मचारियों ने भाग लिया। पंजाब हरियाणा चंडीगढ़ हिमाचल और जम्मू और कश्मीर से भी इस सम्मलेन में भाग लिया। लगभग सभी ने एक स्वर में पुरानी पेंशन व्यवस्था की खामियां बताते हुए इसे लागू करने ककी पुरजोर मांग की और नई व्यवस्था को न सिर्फ कर्मचारियों बल्कि उनके पारिवारिक सदस्यों के भी घातक बताया।ककामरेड रूपक सरकार महासचिव- आई टी ई एफ.सी एच क्यू- नई दिल्ली, ने बताया कि कर्मचारियों के पैसे को सरकार ने मार्किट में इन्वेस्ट करने को कहा और उस वक्त जो भी मार्किट का रेट होगा उस हिसाब से पेंशन दी जाएगी । जो कि निंदनीय है, जो की सारी उम्र काम करने के बाद कर्मचारी को मात्र 1500-2000 रूपए पेंशन मिले तो ये वाकई ही चिंताजनक है। इस महंगाई के ज़जमाने में घर का बिजली पानी का बिल ही तकरीबन 2000 आता है तो इतनी पेंशन में गुजर कैसे होगी। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में तो बुढ़ापा पेंशन ही इससे ज्यादा है । उन्होंने आगे कहा कि लगता है कि सरकार का विचार रिटायर्ड कर्मचारी को भूखा मार देने का है। यहाँ दुनिया भर के देशों कि सरकारे अपने कर्मचारियों को अनगनित सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है, वहीँ हमारी सरकारें पेंशनर्स कि कमर पर न दिखाई देने वाला कोड़ा बरसा रही है।ककामरेड के के एन कुट्टी ने बताया कि नई पेंशन सिस्टम को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली कि दिशा में हमारा संघर्ष लगातार तेज होता जायेगा, जब तक बेहरी सरकार इसे सुन न ले। हमारे संघर्षों का परिणाम है कि बहुत से राजनीतिक दलों ने अपने मेनीफेस्टो में पुरानी पेंशन बहाली को जगह दी है, कुछ राज्य सरकारों ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। बल्कि पश्चिम बंगाल कि सरकार ने तो अभी तक पुरानी पेंशन व्यवस्था को ही बहाल रखा है, जिसका आयकर कर्मचारी महासंघ स्वागत करता है। बाकी सरकारों को भी इससे सीख लेते हुए पुरानी पेंशन सिस्टम को ही लागू किये जाने कि अपील करता है।सम्मलेन में अरविन्द डागर, आशुतोष कुमार, जे के पटेल, कुलदीप कुमार, अमित कुमार, राजिंदर कुमार, बलजीत सिंह, मिस-सोनाक्षी, विजय शर्मा, नवाब सिंह, इत्यादि ने अपने अपने विचार पेश किये और पुराने पेंशन सिस्टम को तुरंत प्रभाव से बहाल किये जाने की पुरजोर मांग की।आयकर कर्मचारी महासंघ की एकजुटता के आगे सरकार को झुकना ही होगा ।हमें इस संघर्ष को और तेज करना है और पुरानी पेंशन की बहाली तक नहीं रुकना है।