हिंदी दी चादर कहे जाने वाले श्री गुरु तेग बहादुर जी के 445वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में डेरा संतपुरा सेवा पंथी दल संतपुरा की ओर से गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी पंज प्यारों की छत्रछाया में डेरे के संत जगमोहन सिंह की अगुवाई में पैदल नगर कीर्तन निकला। यह नगर कीर्तन साहिब गुरु तेगबहादुर गुरुद्वारा शाही समाधा बुढ़िया पहुंचा। शाही समाधा ट्रस्ट की प्रधान राजकुमारी किरण अमोल सिंह व राजकुमारी राजन अमोल सिंह ने अपनी और राजकुमारी नीतू सिंह व राजकुमार प्रिंस की ओर से संत जगमोहन सिंह का शाल व कृपाण भेंट कर स्वागत किया। नगर कीर्तन में शामिल सभी शबदी जत्थों के मुखिया को सिरोपा देकर सम्मानित किया। संत पुरा से शुरू हुए पैदल नगर कीर्तन में बैंड बाजे के संग विभिन्न विभिन्न गुरुद्वारों के शबदी जत्थे शामिल हुए।
सेवा पंथी संत पुरा, गुरुद्वारा मॉडल कॉलोनी, गुरुद्वारा पेपर मिल, गुरुद्वारा मॉडल टाउन, गुरुद्वारा पातशाही दसवीं हनुमान गेट, गुरुद्वारा सिंह सभा पुराना हमीदा, विष्णु गार्डन जगाधरी गुरुद्वारा रूपनगर लेबर कॉलोनी, लोहारन मोहल्ला जगाधरी गुरुद्वारा, सिंह सभा नेहरू पार्क, गुरुद्वारा सिंह सभा जगाधरी वर्कशॉप, गुरुद्वारा अर्जुन नगर की महिला मंडली और भारी संख्या में श्रद्धालु कीर्तन करते हुए पैदल नगर कीर्तन में चल रहे थे। जगह-जगह स्वागत गेट बनाए गए थे। धुंध व ठंड में चाय व अन्य खाद्य सामग्रियों के जगह-जगह स्टॉल लगे थे। गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के दर्शन करने के लिए दोनों और रास्तों पर काफी भीड़ जमा थी। उन्होंने गुरु ग्रंथ साहब जी की पालकी के दर्शन कर, मत्था टेककर खुद को धन्य किया। अंत में नगर कीर्तन के साहिब श्री गुरु तेग बहादुर गुरुद्वारा शाही समाधा बुढ़िया पहुंचने पर राजकुमारी किरण अमोल सिंह राजकुमारी ने पांच प्यारों के चरण छू कर आशीर्वाद लिया। शाम के समय गुरुद्वारा बुढ़िया की ओर से भी नगर कीर्तन निकाला गया जो मुख्य बाजारों से होता हुआ वापस साहिब श्री गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर पहुंचा। माैके पर गुरु का अटूट लंगर बताया गया।
सेवादार हरप्रीत सिंह रूबी ने बताया बूढ़े साहब गुरुद्वारा में 29 जून को श्री अखंड अखंड पाठ का आरंभ किया गया था जिसकी समाप्ति एक दिसंबर सुबह की गई। इसके पश्चात 3:00 बजे तक दीवान सजाया गया, जिसमें पंथ के प्रचारक हजूरी रागी भाई देवेंदर सिंह बलाड़ा, भाई जूझार सिंह हजूरी रागी अमृतसर, भाई जगमाल सिंह हजूरी उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी की धर्म के लिए दी गई कुर्बानियां का बखान किया। माैके पर रघुवीर सिंह बिट्टू, मनमोहन सिंह मास्टर, रंजीत सिंह छाबड़ा एवं श्री गुरु तेग बहादुर लंगर सेवा सोसाइटी का भी सहयोग रहा।
यमुनानगर|पैदल नगर कार्तन में शामिल संगत व नगर कीर्तन की अगुवाई करते पंच प्यारे।