जीरकपुर नगर परिषद ने पिछले हफ्ते यहां ढकोली एरिया में कई काॅलोनियों के रेजिडेंट्स को बुलाकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को जागरुक करने का अभियान चलाया। इसमें रेजिडेंट्स को स्वच्छता बनाए रखने के लिए शपथ दिलाई गई। लेिकन अब एमसी के ही कर्मचारी पानी फेर रहे हैं। एमसी के कर्मचारी कचरा जलाकर स्वच्छता अभियान का कचरा कर रहे हैं। यहां ढकोली में दशमेश एन्क्लेव के नजदीक कचरे में आग लगने से लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। लाेगों ने कहा कि एक तरफ तो अभियान चलाया जा रहा है, दूसरी तरफ गारबेज की प्रोसेसिंग के लिए कोई काम नहीं किया जा रहा है। लोगों ने कहा कि हा़े सकता है नगर परिषद के कर्मचारी ही यह आग लगा गए हा़े क्योंकि एमसी के पास कचरे को निपटाने के लिए जगह नहीं बची है।
शहर में रोजाना करीब 40 टन से ज्यादा गारबेज निकलता है जो प्रोसेसिंग न होने के चलते शहर को प्रदूषित कर रहा है। नगर परिषद के लिए इतनी बड़ी मात्रा में पैदा होने वाले गारबेज का निपटान बड़ी समस्या बन गया है।
शहर को चार जोन में बांटकर कचरे को इकट्ठा करना, उसका प्रोसेसिंग के तहत निपटान करना और कचरे से प्लास्टिक अलग करने समेत पूरी डिटेल के साथ यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इस पर काम करने के लिए फाइल लोकल बॉडीज डिपार्टमेंट को भेजी गई थी। इस कार्रवाई को करीब 3 साल पहले शुरू किया गया था लेकिन अाज तक इस पर कोई काम नहीं हो पाया है और इसलिए कचरे में आग लगाई जा रही है। जीरकपुर एमसी को कोशिश करनी चाहिए कि प्रोसेसिंग प्लांट के प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाएं ताकि लोगों को गारबेज और इसमें आग लगने के बाद उठने वाले धुएं के प्रदूषण से छुटकारा मिल सके।
एमसी के पास कचरा डंप करने के लिए नहीं जगह
जीरकपुर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। इसको समय पर लिफ्ट नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह ये है कि एमसी के पास कचरा डंप करने के लिए जगह नहीं है। इसलिए कोशिश की जाती है कि जहां कचरा पड़ा है वहीं उसे जलाकर खत्म किया जाए।
– राजिंदर सिंह चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर, एमसी जीरकपुर