Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय हेमंतोत्सव काआयोजन

0
53

चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। प्राचीन कला केन्द्र ने शरद ऋतु के आगमन पर संगीत की गरमाहट लाने हेतु तीन दिवसीय हेमंतोत्सव टैगोर थियेटर में देश के युवा एवं प्रतिभावान कलाकारों ने अपनी कला प्रतिभा से एक यादगारी शाम को संजोया । कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व वी.सी.प्रो.अरूण ग्रोवर ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की ।इसके पश्चात पारम्परिक द्वीप प्रज्वलन की रस्म अदा की गई । आज के कार्यक्रम में मुंबई से आई प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका सावनी शिंदे और कोलकाता से आई प्रसिद्ध कुचीपुड़ी नृत्यांगना माधुरी मजूमदार ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया ।सावनी ने कार्यक्रम की शुरूआत राग पूरीया धनाश्री से की आलाप बड़ा ख्याल रचना केसर रंग श्याम छाई रचना पेश की । जिसे इन्होंने खुद रचना है । इसके पश्चात मध्य लय तीन ताल की रचना ‘‘आ जरा दिल डूबा’’ पेश की । इसके पश्चात आलाप चैताल में खूबसूरत स्वयं रचित तराना पेश किया । कार्यक्रम का समापन इन्होंने खूबसूरत दादरा से किया जिसे दर्शकों नेे खूब सराहा । इनके साथ मंच पर तबले पर मुंबई से आए अरूण गवई एवं जयपुर के प्रसिद्ध हारमोनियम वादक राजेंद्र बैनर्जी ने संगत की । कार्यक्रम के दूसरे भाग में कोलकाता से माधुरी मजूमदार एवं उनके समूह ने कुचीपुड़ी नृत्य की खूबसूरत पेशकश की । डॉ.माधुरी मजूमदार आजकल बतौर सहायक प्रोफैसर रविंद्र भारती विश्वविद्यालय में कार्यरत है । इन्होंने कुचीपुड़ी के महान गुरू वेमपति चिन्ना सत्यम से नृत्य की शिक्षा ग्रहण की । डॉ.माधुरी कुचीपुड़ी कला माधुरी नाम से एक अकादमी संचालित करती है । दूरदर्शन की ए ग्रेड कलाकार माधुरी ने देश ही नहीं विदेशों में भी नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुतियां पेश की है । इन्होंने सबसे पहले गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत सिद्धी विनायकम से की । जिसमें भगवान गणेश की आराधना से कार्यक्रम की भक्तिमयी शुरूआत की ।उपरांत पल्लुकेतेनल ताली नाम से एक खूबसूरत भाव प्रदर्शन किया जिसमें प्रियतम के साथ खूबसूरत लम्हों की खूबसूरत प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी । ये रचना राग भीम पलास ताल खंाड चप्पू पर आधारित थी । उपरांत तिल्लाना जो कि पारंपरिक शुद्ध नृत्य पर आधारित था पेश किया । इसके पश्चात ब्रास पलेट पर तरंगन प्रस्तुत किया । कार्यक्रम का समापन दशावतार से किया गया । इसमें माधुरी के समूह ने भगवान विष्णु के दस अवतारों का खूबसूरत प्रदर्शन किया । इनके साथ मंच पर मोड़मुखर्जी,सहाना चैधरी,अर्पिता मुखर्जी,पायल बिस्वास एवं हिरक साहा ने प्रस्तुति पेश की ।केन्द्र की रजिस्टर डॉ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर ने मुख्य अतिथि के साथ कलाकारों को सम्मानित किया ।