चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। गुरु नानक की 550 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संगठन- इकोसिख ने 550 वृक्षों के साथ 58 गुरु नानक पवित्र वन स्थापित किये हैं, जिनमें से 98 प्रतिशत वृक्ष जीवित और हरे-भरे हैं। यह कदम गुरु नानक सेके्रड फॉरेस्ट प्रोजेक्ट के अंतर्गत उठाया गया है, जिसकी घोषणा इकोसिख ने मार्च 2019 में की थी। उल्लेखनीय है कि इकोसिख ने प्रथम गुरु की 550वीं जयंती मनाने के लिए, गुरु नानक 550 अभियान के तहत, पिछले साल पंजाब भारत के कई भागों और दुनिया भर में 10 लाख वृक्ष लगाने का लक्ष्य घोषित किया था।इकोसिख के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ. राजवंत सिंह ने कहा, इकोसिख ने 10 लाख वृक्षों के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए गुरु नानक के नाम पर दुनिया भर में 1820 स्थानों पर 550 पेड़ लगाने की पहल की थी और लोगों की प्रतिक्रिया से हम काफी रोमांचित हैं। भारत, कनाडा, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, म्यांमार और ब्रिटेन में सिख समुदाय ने इस उत्सव के तहत, पहले से ही अपने-अपने देशों में 550 वृक्ष लगाये हैं। इकोसिख कनाडा इस नवंबर तक 10,000 पेड़ लगा रहा है। सिखों ने गुरु नानक की पर्यावरण संबंधी शिक्षाओं का पालन करते हुए पर्यावरण की देखभाल करके सार्थक रूप से गुरुपुरब मनाने की एक नई परंपरा स्थापित की है। गुरु नानक ने कहा था कि वायु एक शिक्षक है, जल पिता और धरती मां है। यह प्रयास आने वाली पीढिय़ो के लिए सकारात्मक पदचिह्न छोड़ देगा,डॉ. राजवंत सिंह ने कहा।उन्होंने आगे कहा, गुरु नानक पवित्र वनों ने जैव विविधता को आकर्षित किया है और पानी के लेवल में सुधार लाने के साथ ही मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाया है। यह पृथ्वी और मनुष्यों सहित सभी जीवित प्राणियों के लिए एक जीत की स्थिति है। इन वनों में हो रही वृद्धि अभूतपूर्व है। हमें विश्वास है कि अगर हम ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों में जमीन के हर उपलब्ध हिस्से में वन लगाते हैं, तो हम पंजाब और भारत में पर्यावरण के नुकसान को रोक सकते हैं। इकोसिख सेक्रेड फॉरेस्ट संयोजक, चरण सिंह ने दावा किया, एफोरेस्ट के शुभेंदु शर्मा के सहयोग से इकोसिख ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, महाराष्ट्र और कसूर-पाकिस्तान में भी में 58 गुरु नानक पवित्र वनो में 30,000 से अधिक पेड़ लगाने के लिए वन लगाने वालों को प्रशिक्षित किया है। 10 लाख पेड़ों के हमारे मिशन को पूरा करने और इस विश्वास को पुख्ता करने कि प्रत्येक इकोसिख एक सेक्रेड फॉरेस्ट बना सकता है, कई और स्वयंसेवकों को सशक्त किया जा रहा है। इकोसिख ने पंजाब में हरित क्रांति लाने की यात्रा को मजबूती से शुरू किया है। भारत में इकोसिख की अध्यक्ष, सुप्रीत कौर ने कहा, ‘मैं इस अनुभव से चकित हूं कि सात महीने पहले यहां शुरू हुई एक यात्रा पंजाब में एक क्रांति बन गई है। चनार्थल में 4 महीने में ही यह वन इतना घना हो गया है कि कोई इसमें प्रवेश नहीं कर सकता है। पंजाब की धरती की शक्ति चमत्कारी है। हमें अपने शहरों में और प्रत्येक गांव में हर खुले सार्वजनिक स्थान पर पवित्र वन स्थापित करने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता है।इकोसिख प्रोजेक्ट मैनेजर, रवनीत सिंह ने उल्लेख किया, हमारे पवित्र वन 10 गुना तेजी से बढ़ते हैं और वे सामान्य रोपण की तुलना में 30 गुना अधिक घने होते हैं, इसलिए वे 30 गुना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं। अब तक हमने पंजाब में 51 देशी प्रजातिया ंलगायी हैं, जिनमें कई दुर्लभ प्रजातियां भी शामिल हैं, जैसे कि करीर, पील्हू, रोहेडा, झंड, माल्हे बेरी, लसुड़ा, फालसा आदि। आने वाले वर्षों में प्रजातियों की संख्या में वृद्धि होगी और ये पवित्र जंगल पंजाब के जैव विविधता बीज बैंक बन जाएंगे। इतना ही नहीं, ये वन सर्दियों के मौसम में भी लगाये जा सकते हैं।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020