चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। हरियाणा ने पिछले पांच सालों में अनेकों प्रदर्शन देखें हैं। शायद यह प्रदेश की किसी भी सरकार के शासन में होने वाले सबसे अधिक प्रदर्शनों का दौर था। जबकि 2014 के चुनावों में हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों ने बीजेपी का भरपूर समर्थन किया था। प्रदेश के करीब 1.18 करोड़ मतदाताओं में से कुल मिलाकर 4.5 लाख के करीब सरकारी कर्मचारी इस बार के चुनाव में भी अहम भूमिका निभाने वाले हैं।कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा कहती हैं कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारी अब हमारी ओर देख रहे हैं। हमारी सरकार सत्ता में आने पर हम सुनिश्चित करेंगे कि सरकारी कर्मचारियों को उनका वाजिब हक़ मिले। अपने संकल्प पत्र में हमने पहले ही कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि अनुबंध के आधार पर नियुक्त गेस्ट टीचर, कंप्यूटर ऑपरेटर और लैब अटेंडेंट की नौकरियां पक्की की जाएंगी। हमने सभी सरकारी विभागों और बोर्डों में ठेका प्रथा समाप्त करने का वादा किया है। हरियाणा के सभी कर्मचारियों को पंजाब के कर्मचारियों के बराबर वेतन और भत्ते देने का भी हमारी पार्टी ने वादा किया है। साथ ही 1 जनवरी, 2016 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का भी वादा है। इसमें रिटायरमेंट की उम्र केंद्रीय कर्मचारियों की तरह 58 से 60 साल करने की भी बात भी शामिल है।कांग्रेस के संकल्प पत्र से जुड़ेनि:शुल्क फोन नंबर 93553-33011 पर अब तक 10 लाख से ज्यादा कॉल्स आ चुके हैं, जिनमें से 1,45,693 लाख लोगों ने सरकारी कर्मचारियों से जुउ़ी जानकारी के लिए ही संपर्क किया है।राज्य में राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं, ऐसे में अगर इन कर्मचारियों ने बीजेपी सरकार को सबक सिखाने की ठानी तो कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ सकता है। राज्य में 21 अक्टूबर को 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हैं और 24 को मतगणना।उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज एक बयान जारी करते हुए कहा कि पिछले पांच साल में खट्टर सरकार ने घोटालों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं।बसों के टैंडर का घोटाला, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला, भर्ती घोटाले, कैमरा घोटाला, टाइल्स घोटाला, माइनिंग घोटाले, बिजली मीटर खरीद घोटाला, ओवरलोडिंग घोटाला, जीएसटी घोटाला, दवा घोटाला, गैलव्लयूम शीट घोटाला, पतंजलि जमीन घोटाला आदि।अब सामने आया है जमीन घोटाला। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 4 जनवरी, 2019 को भाजपा के नाम गुरुग्राम के सैक्टर 30 में 4000 वर्ग मीटर का प्लॉट एक्सचेंज किया गया है, जिसके लिए कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया था। यह प्लॉट भाजपा को 2016 मे गुरुग्राम के सेक्टर 41 में आबंटित संस्थागत प्लाट के बदले में दिया गया। सैक्टर 41 में आंबटित प्लॉट की 25500 प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से कुल कीमत 10 करोड़ 20 लाख रुपए थी। परंतु सभी नियमों को ताक पर रखकर मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने हस्ताक्षरो द्वारा सेक्टर 30 में कमर्शियल साइट को बदलने की अनुमति प्रदान कर दी, जिसकी 1 लाख 50 हजार प्रति वर्ग गज के हिसाब से कुल कीमत करीब 72 करोड़ रूपए बनती है।गुरुग्राम के एस्टेट आफिसर द्वारा 24.8.2018 को भाजपा को सैक्टर 30 के प्लॉट पर कब्जे का प्रस्ताव जारी किया गया जबकि मुख्यमंत्री द्वारा फाईल पर 4 जनवरी, 2019 को हस्ताक्षर किए गए व प्राधिकरण द्वारा 18.2.2019 को मामला स्वीकृत किया गया।हरियाणा के एडवोकेट जनरल की राय के बाद एचएसवीपी द्वारा इस मामले को स्पेशल ट्रीट किया गया जिसमें व्यवसायिक मूल्य व संस्थागत मूल्य का कोई भी तुलनात्मक अध्ययन नहीं कराया गया इस फर्जीवाड़े के चलते अगर हम डीसी रेट से भी हिसाब लगायें तो एचएसवीपी को 60 करोड़ से उपर का वित्तीय नुकसान हुआ है।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020