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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

150 से अधिक रोबोटिक सर्जरीज यूरोलॉजिकल प्रोसीजर्स की बेहतर सफलता: फोर्टिस डॉक्टरों का दावा

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चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के डॉक्टरों ने दावा किया कि यूरोलॉजिकल प्रोसीजर्स संबंधी प्रक्रियाओं की बात करें तो रोबोटिक सर्जरी में बेहतर सफलता दर है। यह खुलासा 150 से अधिक ऐसी रोबोट असिस्टेड सर्जरी पर आधारित था जो अस्पताल में सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। यह जानकारी डॉ.मनीष आहूजा, कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली द्वारा साझा की गई। रोबोटिक सर्जरी का उपयोग सर्जरी में सटीक लाने में सफल रहा है। इसने जटिलताओं के साथ मामलों का इलाज करने में मदद की क्योंकि 3 डी कैमरे ने सर्जन को परिचालन क्षेत्र में अधिक गहराई दी। सर्जरी के दौरान खून की कमी को ठीक होने में समय भी क ाम लगता है। जटिल प्रोस्टेट और किडनी सर्जरी के लिए, रोबोट असिस्टेड सर्जरी सटीक लाती है जो एक पारंपरिक या यहां तक कि की होल सर्जरी की तुलना में सफलता दर में सुधार करने में मदद करती है। कैमरा सर्जरी के दृश्य को भी बढ़ाता है, इस प्रकार, सर्जन को अधिक से अधिक सटीकता के साथ जटिल क्षेत्रों में काम करने में सक्षम बनाता है।डॉ.मनीष आहूजा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘इसने कुछ जटिल सर्जरी को सबसे प्रभावी, सुरक्षित और सटीक तरीके से किया है। परंपरागत रूप से, इन ऑपरेशनों को करने का एकमात्र तरीका ओपन सर्जरी था। इसमें रोगी पर एक बड़ा चीरा लगाया, पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द में स्थिरीकरण की आवश्यकता होती है, और एक बड़े निशान के अलावा मरीज का अपने काम से भी समय का नुकसान होता है।’’सर्जिकल रोबोट ने इन कमियों पर सुधार किया। सर्जरी की इस विधि में कुछ विशेष रोबोटिक उपकरणों का उपयोग शामिल है जो सर्जन द्वारा कम्प्यूटरीकृत कंसोल का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है। रोबोटिक उपकरण बहुत छोटे की होल कट का उपयोग करके रखे जाते हैं। एक 3 डी कैमरा को संचालित करने के लिए सर्जरी स्पेस में रखा जाता है। यह सर्जन को थर्ड डायमेंशन तक गहराई का दृश्य देता है। रोबोट का उपयोग अधिक सटीक डिसेक्शन औरमानवीयकंपनी से राहत देते हुए सर्जरी में अधिक सटीक प्रभाव देता है और काफी अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। इस पूरे प्रोसेस के परिणामस्वरूप कम जटिलताओं के साथ बेहतर सर्जिकल परिणाम सामने आते हैं।डॉ. मनीष आहूजा ने अपने मरीज श्री भूपिंदर सिंह, उम्र 67 साल, बठिंडा निवासी के केस को भी मीडिया के साथ साझा किया। डॉ. आहूजा ने कहा कि ‘‘जब मरीज हमारे पास आया, तो उसे पहले से ही प्रोस्टेट कैंसर था। यह शुरुआती चरण में था और हमने एक रोबोट असिस्टेड रेडिकल प्रोस्टेटैक्टोमी की योजना बनाई। जटिल सर्जरी को 3.5 घंटे में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। हटाए गए प्रोस्टेट ग्लैंड के पैथालॉजिकल एनालसिस में देखा गया कि मार्जिंस काफी स्पष्ट थे। मरीज का प्रोस्टेट कैंसर पूरी तरह से समाप्त हो गया। सर्जरी के 4 दिनों के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया।’’डॉ.आहुजा ने 68 वर्षीय श्री ओंकार सिंह के एक अन्य मामले को साझा करते हुए बताया कि ‘‘रोगी को पहले प्रोस्टेट कैंसर का पता चला था। लेकिन चूंकि उन्हें कैंसर का पता चलने से पहले प्रोस्टेट (टीयूआरपी) प्रोसीजर के ट्रांसयूरंथल रिस्प्रेशन से गुजरना पड़ा था, इसलिए एडहेजंस और रक्तस्राव के कारण उसी स्थान पर दूसरी सर्जरी करना एक चुनौती थी। हमने एक रोबोटिक सर्जरी की योजना बनाई, जिससे हमें कम से कम रक्त की क्षति के साथ बहुत अच्छे परिणाम मिले। सर्जरी के बाद के पैथोलॉजिकल विश्लेषण से पता चला है कि कैंसर को शरीर से पूरी तरह से हटाने में सफलता मिली थी। उन्हें संतोषजनक स्थिति में सर्जरी के बाद 4 वें दिन छुट्टी दे दी गई। 55 वर्षीय श्रीमती सुरिंदर कौर ने अस्पष्ट पेट दर्द के चलते अपना अल्ट्रासाउंड करवाया, जिसमें बाईं किडनी के ट्यूमर का पता चला। आगे के परीक्षणों से पता चला कि यह 5 सेमी आकार का कैंसर है जो स्टेज 1 ट्यूमर था। उसने पिछले महीने रोबोट असिस्टेड पार्टिकल नेफ्रेक्टोमी की मदद ली। रक्त की कमी न्यूनतम थी। उनकी रिकवरी जल्दी हो गई और सर्जरी के बाद उसे 4 वें दिन छुट्टी दे दी गई। रोबोट के साधनों का उपयोग करके किडनी के कैंसर वाले हिस्से को बड़ी सटीकता के साथ हटा दिया गया था। ट्यूमर के पैथोलॉजिकल विश्लेषण से पता चला कि कैंसर मरीज के शरीर से पूरा तरह से हटा दिया गया था। 42 वर्षीय व्यक्ति मोहम्मद सैफुर्लह, को पिछले साल गुर्दे की पथरी थी, जो यूरेटर यानि मूत्रवाहिनी में फिसल कर मूत्र की रुकावट का कारण बनी। इस रुकावट को साफ करने के लिए दो सर्जरी की आवश्यकता थी। लेकिन स्टोन के चलते होने वाली क्षति के कारण, यूरेटर संकीर्ण हो गई और एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई जिसे सिट्रक्चर का नाम दिया दिया जाता है। उन्होंने 2 महीने पहले सफलतापूर्वक मरीज की रोबोट असिस्टेड यूरेटर-यूरेटरोस्टॉमी को किया गया और अब वे पूरी तरह से दर्द मुक्त और स्टेंट मुक्त है।