चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री।जीरकपुर के अधीन आते गाँव पभात के लोग पंजाब सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी के खिलाफ लामबंद हो गए है। ये वो लोग या निवासी है जिनके मकान पंजाब सरकार की गलत नीतियों की चलते एयरपोर्ट के एक्सपेंशन के चलते तोड़े जाने की जद्द में आ गए है। पंजाब सरकार ने इन मकानों की रजिस्ट्री की, रजिस्ट्रेशन फीस की अच्छी खासी कमाई करने के बाद और अपने खास लोगो को बचाने के लिए इन गरीब लोगों को बनाया बलि का बकरा बनाया है। वहीँ इन निवासियों के समर्थन में पंजाब अगेंस्ट करप्शन एवं पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन भी आ गयी है। इस अवसर पर गांव के बलजीत कौर, कर्म सिंह, किरण दुवे, नेहा, सुरेस गिरी, उर्मिला अग्रवाल, मीनू कुमारी, रामजन्म और हरदयाल भगत भी उपस्थित थे। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पंजाब अगेंस्ट करप्शन के सतनाम सिंह, पंजाब मंच से आर्किटेक्ट रंजीत सिंह एवं पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन के चेयरमैन एडवोकेट राजविंदर सिंह ने कहा कि ये मामला मोहाली इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा एयरपोर्ट के विकास के लिए डाली हुई जनहित याचिका से संबंधित है।अब जब पंजाब सरकार के ऑफिसर्स बिल्डरों से मिलीभगत के चलते बुरी तरह से फंस गए है तो अदालत को गुमराह करने के लिए झूठा सर्वे करके गरीब लोगों को बलि का बकरा बना दिया गया है। 98 गरीब परिवार पंजाब सरकार की ओर से करवाये गए सर्वे के लिए अपने रसूख और पैसों की ताकत का इस्तेमाल करने में असमर्थ थे। जिस कारण ऑफिसर्स ने उन सभी लोगों के घरों को नाजायज कब्जाधारी दिखा दिया है। और साथ ही रसूखदार गोदाम के मालिकों और नेताओं के खास लोगों के घरों को सर्वे में पुराना बना हुआ दिखा दिया। ताकि उनका मकान या निर्माण बचा रहे और उक्त खास लीगों को मुआवजा मिल सके। बाद में इस पक्षपाती और गलत सर्वे रिपोर्ट को पंजाब सरकार ने माननीय हाई कोर्ट में पेश कर दिया। जबकि पीड़ित लोग किसी कारणवश अदालत में अपना सही पक्ष न रख पाए। जिसके चलते मानयोग अदालत ने एक सख्त आदेश जारी कर इन 100 मकानों को नाजायज मानते हुए वगैर किसी प्रकार का मुआवजाज़देने के साथ इन्हे तोड़ने का हुकुम जारी कर दिया। इन आदेशों की पालना करते हुए मोहाली के जिला आयुक्त ने 98 घर और इमारतों को तोड़ने के आदेश कर दिए है।उहोने आगे बताया कि हकीकत यह है की नगर कौंसिल जीरकपुर की हद के अंदर पुराणी अकाली भाजपा सरकार के समय अपना राजनैतिक रुतबा इस्तेमाल करते हुए और मिलीभगत से कुछ राजनैतिक नेताओं ने चार कालोनियों गुरदेव नगर, खुशहाल इन्क्लेव, जरनैल इन्क्लेव और सिटी इन्क्लेव बना ली है, जिनमें लगभग 1500 घर, गोदाम और अन्य इमारतें बन चुकी है। यह कॉलोनी बना कर बिल्डर्स ने करोड़ो रूपए की कमाई की है, जिसका हिस्सा नगर कौंसिल के अधिकारीयों, नेताओं और अन्य को भी मिला है। यह कालोनियां बनाने के लिए नगर कौंसिल जीरकपुर और अन्य विभागों में भ्रष्टाचार इतना ज्यादा था की सरकारी नोटिफिकेशन को अनदेखा कर पंजाब सरकार के ऑफिसर्स द्वारा इन कालोनियों में सरकारी ट्यूबवेल तक लगवा दिए गए। मोती सरकारी फीस लेकर प्लाट की रेजिस्ट्रीज की गयी, इंतकाल किये गए, नशे पास किये गए, एन ओ सी जारी की गयी। इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य टैक्स ताल वसूले गए। सरकार की तरफ से यहाँ पक्की सडक़ बनाई गयी।सीवरेज के कनेक्शन भी दिए गए। बिजली पोल लगाए गए । पार्क औरकम्युनिटी सेंटर इत्यादि भी बनाये गए।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020