- 1400 परिवार हैं गांव में, 250 से ज्यादा पर नशा तस्करी के पर्चे
- सरपंच के पति को गैंगस्टर से दिलाई धमकियां और अब पुलिस को पीटा
Dainik Bhaskar
Oct 10, 2019, 07:42 AM IST
बठिंडा. पंजाब-हरियाणा की सीमा से सटे डबवाली का गांव देसुजोधा प्रदेश के 120 नशा तस्करी के लिए अतिसंवेदनशील थानों में से दो थाना रामां व तलवंडी साबो के करीब 80 से ज्यादा गांव में नशे की सप्लाई के मेन रूट का काम कर रहा है। 1400 परिवारों वाले इस गांव पर 250 से ज्यादा नशा तस्करी के केस डबवाली सिटी थाने में दर्ज हैं। यहां नशा तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि गांव में नशा रोकने के लिए पंचायत की तरफ से दो बार बनाई गई नशा रोकू कमेटी के पदाधिकारियों पर ही गांव के तस्करों ने हमले कर दिए।
बुधवार सुबह जब पंजाब पुलिस ने गांव से तस्कर को उठाने का प्रयास किया तो उनके हथियार छीनकर डंडों से पीटा और घसीटा गया। घटना के बाद एसडीएम डबवाली ने ग्राम पंचायत को गांव में पुलिस चौकी खोलने का प्रस्ताव पास करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, गांव में गैंगस्टरों को पनाह देने के भी केस दर्ज हैं।
70% युवा नशे की चपेट में
- गांव के 18 से 25 साल तक के 70% युवा नशे की चपेट में हैं। 30 साल से गांव नशे की चपेट में है। यहां पहले भुक्की, अफीम की तस्करी होती थी, अब नशीली गोलियां व चिट्टा बिकता है।
- गांव में 7 साल पहले नशा रोकू कमेटी बनी, जिसके प्रधान राजविंदर सिंह पर नशा तस्करों ने हमला किया। इसमें ं कुलविंदर सिंह किंदा व उसके भाई पर इरादा कत्ल का केस भी बना। मगर उनके दबाव में समझौता हो गया।
- 3 माह पहले सरपंच के पति ने नशे के कारोबार को रोकने का प्रयास किया तो बठिंडा के एक तस्कर ने उसे गैंगस्टर से धमकियां दिलवाई, जिसकी एफआईआर तो दर्ज हुई। मगर नशा नहीं रुका।
गैंगस्टर रम्मी मछाना और गुरप्रीत सेखों लेते रहे हैं देसुजोधा में शरण
बठिंडा का गैंगस्टर रम्मी मछाना व फिरोजपुर का नाभा जेल ब्रेक में नामजद गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों भी गांव में शरण लेते रहे हैं। बठिंडा पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में गांव देसुजोधा में उनकी ठहर का जिक्र आने पर इसे ऑन रिकाॅर्ड लिया था।
बठिंडा सीआईए वन के साथ कई महीनों से चली आ रही है गांव के तस्करों की टस्ल
गांव देसुजोधा के नशा तस्करों की बठिंडा सीआईए वन के साथ पिछले कुछ माह से टस्ल चली आ रही है। सीआईए ने मई 2019 में चिट्टे के साथ गांव के ब्लाक समिति सदस्य सतपाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद वह जमानत पर छूट गया। जबकि उसके एक अन्य साथी को छोड़ दिया गया था। तब से ही टसल चल रही थी।