करीब एक करोड़ की लागत से दो साल पहले बने नेचर पार्क की मेंटेनेंस का काम पब्लिक काे अपनी जेब से पैसे खर्च कर करवाना पड़ रहा है। यहां शाम के समय जॉगिंग ट्रैक पर लोगों का चलना अंधेरे के कारण मुश्किल हो रहा है।
वन विभाग इसकी मेंटेनेंस पर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। ट्रैक पर लगी दर्जनों स्ट्रीट लाइट्स के खंभे शोपीस बने हैं। यहां ट्रैक पर लाइट इसलिए जरूरी है कि जगह-जगह पेड़-पौधे व घास होने के चलते कई जीव-जंतु ट्रैक पर आ जाते हैं। गर्मियों से लेकर अब तक यहां लाइटें बंद पड़ी हैं। इन दिनों सर्दी की वजह से सांप व अन्य रेप्टाइल ट्रैक पर नहीं आते लेकिन गर्मियों में कई बार ऐसा हो चुका है कि शाम के समय जॉगिंग करते लोगों को ट्रैक पर अचानक सांप नजर आ जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि यहां स्ट्रीट लाइट काम करें। इस बारे में लोगों ने जीरकपुर नगर परिषद के प्रधान कुलविंदर सोही से भी कहा कि यदि वन विभाग इस पार्क की मेंटेनेंस नहीं करता है तो एमसी मीटिंग में इसकी मेंटेनंेस का प्रस्ताव पारित कर इसे टेकओवर करें। एमसी के पास इसकी मेंटेनेंस के लिए फंड भी है। मशीनरी और माली सभी तरह का इंतजाम एमसी के पास होने के बावजूद इस पर कोई काम नहीं हो रहा। यहां ट्रैक की सफाई से लेकर प्लांट्स की ट्रिमिंग का काम सैर करने वाले लोग अपनी जेब से पैसे जुटाकर करते हैं। शाम के समय यहां अधिकतर लोगों ने इसलिए जॉगिंग करना छोड़ दिया है कि यहां अंधेरा रहता है। ऐसे में स्नैचिंग जैसी वारदातों की भी आशंका बनी रहती है।
सिटी रिपोर्टर | जीरकपुर
करीब एक करोड़ की लागत से दो साल पहले बने नेचर पार्क की मेंटेनेंस का काम पब्लिक काे अपनी जेब से पैसे खर्च कर करवाना पड़ रहा है। यहां शाम के समय जॉगिंग ट्रैक पर लोगों का चलना अंधेरे के कारण मुश्किल हो रहा है।
वन विभाग इसकी मेंटेनेंस पर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। ट्रैक पर लगी दर्जनों स्ट्रीट लाइट्स के खंभे शोपीस बने हैं। यहां ट्रैक पर लाइट इसलिए जरूरी है कि जगह-जगह पेड़-पौधे व घास होने के चलते कई जीव-जंतु ट्रैक पर आ जाते हैं। गर्मियों से लेकर अब तक यहां लाइटें बंद पड़ी हैं। इन दिनों सर्दी की वजह से सांप व अन्य रेप्टाइल ट्रैक पर नहीं आते लेकिन गर्मियों में कई बार ऐसा हो चुका है कि शाम के समय जॉगिंग करते लोगों को ट्रैक पर अचानक सांप नजर आ जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि यहां स्ट्रीट लाइट काम करें। इस बारे में लोगों ने जीरकपुर नगर परिषद के प्रधान कुलविंदर सोही से भी कहा कि यदि वन विभाग इस पार्क की मेंटेनेंस नहीं करता है तो एमसी मीटिंग में इसकी मेंटेनंेस का प्रस्ताव पारित कर इसे टेकओवर करें। एमसी के पास इसकी मेंटेनेंस के लिए फंड भी है। मशीनरी और माली सभी तरह का इंतजाम एमसी के पास होने के बावजूद इस पर कोई काम नहीं हो रहा। यहां ट्रैक की सफाई से लेकर प्लांट्स की ट्रिमिंग का काम सैर करने वाले लोग अपनी जेब से पैसे जुटाकर करते हैं। शाम के समय यहां अधिकतर लोगों ने इसलिए जॉगिंग करना छोड़ दिया है कि यहां अंधेरा रहता है। ऐसे में स्नैचिंग जैसी वारदातों की भी आशंका बनी रहती है।