नशा तस्करी के मामलों में लुधियाना अव्वल होता जा रहा है। ये मनघड़ंत नहीं, बल्कि पुलिस के आंकड़े इसे बयां करते हंै कि पिछले 2 सालों में सिर्फ एसटीएफ की टीम ने 2 क्विंटल से ज्यादा की हेरोइन बरामद की है। जिसका 70 फीसदी सिर्फ लुधियाना में ही इस्तेमाल होना था। जिसके बारे में खुद तस्करों ने कबूला है। जिसने कहीं न कहीं पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है।
पुलिस की मानें तो दिल्ली और बाॅर्डर एरिया से आ रहे नशे का सेंटर प्वाइंट लुधियाना व इसके अासपास के इलाके बने हैं। जहां पर नशे का कंसाइनमेंट उतरता है और फिर वो बाकी के जिलों में पहुंचता है। हालांकि एसटीएफ व लोकल पुलिस इन तस्करों की कमर तोड़ने में जुटी है, जिसके चलते भारी मात्रा में पुलिस नशा रिकवर कर चुकी है। इसके अलावा आईस, अफीम, चूरापोस्त और मेडिकल नशे की मात्रा में भी इजाफा हो रहा है।
लुधियाना में सबसे ज्यादा हेरोइन की डिमांड, नशा खरीदने वालों में युवतियां भी शामिल
एसटीएफ टीम अौर लोकल पुलिस द्वारा दो साल में 200 से ज्यादा नशा तस्करों और कुरियर को गिरफ्तार किया गया। जिनसें पूछताछ में पता चला है कि लुधियाना में हेरोइन की डिमांड ज्यादा है। यही वजह है कि तस्करों ने अपना रूट बदला है। एक तरह से तस्करों के लिए लुधियाना सॉफ्ट टारगेट एरिया है, जहां वो नशा बेच रहे हैं और यहीं बैठकर ग्राहकों को सप्लाई भी दे रहे हंै। नशा खरीदने वालों में युवतियां भी शामिल हैं, जिसका खुलासा पकड़े गए तस्करों ने किया है। इसके अलावा अफीम और चूरापोस्त की खरीदारी भी ज्यादा होने लगी है।
जांच में पता चला जहर का
पिछले दिनों नाइजीरियंस से हेरोइन लेकर आने वाले तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जब उनसे बरामद हुई हेरोइन को जांच के लिए लैब में भेजा गया तो उससे पता चला कि उक्त हेरोइन अफगानिस्तान की खेती वाली नहीं बल्कि केमिकल की मदद से तैयार की गई है। जोकि मौतों का कारण बन रही है।
महिलाएं भी तस्करी में लिप्त
आकंड़ों की बात करें तो पुलिस ने सवा साल में तस्करों पर 72 पर्चे दर्ज किए। इनमें से पुलिस 40 महिलाओं को गिरफ्तार कर चुकी है। उन्हें तस्करी इसलिए रास आ रही है, क्योंकि उनपर किसी को शक नहीं होता। लेकिन अब एसटीएफ टीम द्वारा अपने साथ महिला मुलाजिमों को रखना शुरू कर दिया है, ताकि महिलाओं की भी चैकिंग की जा सके।