- अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा- नूर वली के नेतृत्व में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कई आतंकी हमले किए
- टीटीपी दिसंबर 2014 में हुए पेशावर स्कूल हमले का जिम्मेदार, जिसमें 149 लोगों की जान गई थी
- इससे पहले अमेरिका ने टीटीपी को स्पेशियली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया था
Dainik Bhaskar
Sep 11, 2019, 09:13 AM IST
वॉशिंगटन. अमेरिका ने पाकिस्तान में पनाह लिए हुए आतंकियों के खिलाफ मंगलवार को एक और बड़ी कार्रवाई की। अमेरिका ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सरगना मुफ्ती नूर वली महसूद को आतंकी घोषित किया है। टीटीपी पाक में कई बम और आत्मघाती धमाकों में हजारों लोगों की जान ले चुका है।
अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, नूर वली के नेतृत्व में टीटीपी ने पाक में कई आतंकी हमले किए और उनकी जिम्मेदारी भी ली। इन हमलों में सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई। टीटीपी का अलकायदा से काफी करीबी संबंध है।
पेशावर स्कूल हमले का जिम्मेदार है टीटीपी
इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने टीटीपी संगठन को स्पेशियली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (एसडीजीटी) घोषित किया था। टीटीपी के सरगना मुल्ला फजीउल्लाह के मारे जाने के बाद जून 2018 में नूल वली को संगठन का प्रमुख बनाया गया था। टीटीपी ने दिसंबर 2014 में पेशावर स्कूल में हमला किया था। इसमें 149 लोग मारे गए, जिसमें 132 बच्चे थे।
पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट होने का खतरा
फिलहाल, पाकिस्तान टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की रडार पर है। इसका बड़ा कारण पाक में पल रहे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन हैं। अब टीटीपी के सरगना का आतंकी घोषित होना, पाक को एफएटीएफ के हाशिए पर ला सकता है। आतंकी गतिविधियों के चलते एफएटीएफ पाक को ब्लैक लिस्ट कर सकता है। इससे पहले 23 अगस्त को एफएटीएफ की संस्था एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने पाकिस्तान को इनहेन्स्ड एक्सपीडिएट फॉलोअप लिस्ट (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया था।
ब्लैक लिस्ट होने के बाद कर्ज लेने में पाक को परेशानी
यदि अक्टूबर में होने वाली बैठक में एफएटीएफ पाक को ब्लैक लिस्ट करता है, तो अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ पाकिस्तान की वित्तीय साख को और नीचे रख गिरा सकते हैं। ऐसे में वित्तीय संकट में जूझ रहे पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो सकती है। एफएटीएफ ने पाक को लगातार ग्रे लिस्ट में रखा। ग्रे लिस्ट में जिस भी देश को रखा जाता है, उसे कर्ज देने में बड़ा जोखिम समझा जाता है। इसके कारण अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं ने पाक को आर्थिक मदद और कर्ज देने में कटौती की है। इस कारण पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब हुई।