- 45वीं समिट में 5 बड़े एजेंडे- अमेजन की आग, ब्रेग्जिट, ईरान, क्लाइमेट चेंज और हॉन्गकॉन्ग रहे
- मोदी ने समिट में 15 नेताओं से मुलाकात की, 3 नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत की, 2 सत्र संबोधित किए
Dainik Bhaskar
Aug 27, 2019, 09:02 AM IST
बियारिट्ज (भास्कर के लिए जोएना वॉर्क). फ्रांस के बियारिट्ज में 45वीं जी-7 समिट के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समेत दुनिया के 15 नेताओं से मुलाकात की। तीन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत की। समिट के 2 सत्र को भी संबोधित किया। इससे पहले मोदी का समिट में पहुंचने पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने स्वागत किया।
पीएम ने यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बातचीत की। इसके बाद मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, जापान के पीएम शिंजो आबे, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो आदि से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि महासचिव के साथ बातचीत शानदार रही। उनके साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सैल के साथ भी मोदी ने बातचीत की।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी पहली बार दुनिया के टॉप सात नेताओं से एक साथ मिले
कश्मीर से 370 हटाने के बाद जी-7 में मोदी दुनिया के टॉप नेताओं से पहली बार मिले। मोदी ने इन नेताओं को कश्मीर पर भारत के रुख को बताया। नतीजा यह रहा कि कश्मीर मुद्दे को समिट के एजेंडे से बाहर रखा गया। समिट में दुनिया के करीब 15 देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। पर किसी ने इसका जिक्र तक नहीं किया। यूएन महासचिव ने भी कोई बयान नहीं जारी किया।
जी-7 के 6 राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के इर्द-गिर्द सिमटे, मैक्रों ने रूस की वकालत की
जी-7 समिट में जो कुछ दिखा, वो छुपी हुई कहानी बयां कर रहा है। सोमवार को ट्रम्प ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ से बियारिट्ज में मुलाकात का उन्हें पहले से पता था। इसे मैंने ही अनुमति दी थी। समिट में देखने को मिला कि ग्रुप के अन्य 6 राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के इर्द-गिर्द ही सिमटे रहे। वे ट्रम्प को ही समझाते देखे गए। वहीं, ट्रूडो, मैक्रों, जॉनसन अपनी अवाम को यह दिखाने कोशिश की- वे ट्रम्प की तुलना में कितने गंभीर हैं।
सबसे ज्यादा फायदा भारत को
मैक्रों निजी मुलाकातों में जी-7 में रूस को दोबारा शामिल करने की हिमायत करते रहे। इस पूरी समिट में सबसे ज्यादा फायदा मोदी को हुआ है, क्योंकि जी-7 के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा उन्होंने कई अन्य राष्ट्रों जैसे सेनेगल के राष्ट्रपति से मुलाकात की। समिट में कश्मीर के मुद्दे पर ऐसी कोई बात नहीं हुई, जो भारत को पसंद न हो, जिसको पाकिस्तान की हार के तौर पर देखा जा रहा है।
समिट में और क्या हुआ : क्लाइमेट चेंज सत्र में ट्रम्प नहीं आए, उनकी कुर्सी खाली
- समिट में एक सत्र क्लाइमेट चेंज के लिए रखा गया था। इसमें जी-7 के सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया, लेकिन ट्रम्प नहीं आए, उनकी कुर्सी खाली रही।
- इस सत्र का नेतृत्व मैक्रों ने किया, उन्होंने रिसाइकल प्लास्टिक से बनी हाथ की घड़ी सभी नेताओं को दी।
- ब्रेग्जिट पर ब्रिटिश पीएम जॉनसन की यूरोपीय यूनियन (ईयू) अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क से बातचीत हुई। जॉनसन बोले- ब्रिटेन 31 अक्टूबर से पहले हर हाल में ईयू से बाहर हो जाएगा।
- ट्रम्प ने आखिरी दिन मिस्र, जर्मनी, भारत और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बातचीत की।
- 2020 में 46वीं जी-7 समिट अमेरिका में हो सकती है। ट्रम्प ने कहा कि हम मियामी गोल्फ रिजॉर्ट में अगली समिट करने के इच्छुक हैं। वह शानदार जगह होगी।
- ईरान के विदेश मंत्री जवाद जारिफ फ्रांस पहुंचे। वो मैक्रों की पहल पर आए, हालांकि अमेरिका के किसी अधिकारी तक ने ईरानी मंत्री से बातचीत नहीं की।
अमेजन जंगल की आग बुझाने के लिए जी-7 देश 154 करोड़ रु. देंगे, फायर फाइटर भेजेंगे
जी-7 के सभी सदस्य देश अमेजन रेन फॉरेस्ट में लगी आग को जल्द से जल्द बुझाने पर सहमत हो गए हैं। वे ब्राजील सरकार की आग बुझाने में 154 करोड़ रुपए की मदद करेंगे। सभी सदस्य देश आग बुझाने के लिए फायर फाइटर एयरक्राफ्ट भी भेजेंगे। वहीं, मैक्रों ने ट्रम्प के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगले कुछ हफ्तों में ट्रम्प और ईरानी राष्ट्रपति रूहानी के बीच बातचीत की जगह तय होगी। ट्रम्प ने अन्य देशों से अगली जी-7 समिट में रूस को दोबारा शामिल करने की अपील की है।