एमडीसी माता मनसा देवी मंदिर परिसर में बनने वाले आयुर्वेदा इंस्टीट्यूट के प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने से पहले अब मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से परमिशन लेनी होगी। डिफेंस की ओर से परमिशन के बिना किसी भी तरह की कंस्ट्रक्शन से मना कर दिया गया है।
शुक्रवार को आर्मी के ऑफिसर्स ने आयुर्वेद कॉलेज की जगह का दौरा किया। साथ ही उन्होंने आर्मी एरिया से आयुर्वेद की जगह की कितनी दूरी है इसकी पूरी जानकारी ली। आर्मी ऑफिसर्स की ओर से श्राईन बोर्ड के सीईओ से आयुर्वेद प्रोजेक्ट के डिजाइन के बारे में पूछा गया। सीईओ एमएस यादव ने कहा कि केंद्रीय आयुष विभाग की ओर से डायरेक्ट इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। ऐसे में डिजाइन उन्हींं की ओर से तैयार किया जा रहा है। उन्होंने प्रोजेक्ट के डिजाइन के लिए केंद्र आयुष विभाग के अधिकारियों से बात करने के लिए कहा।
दरअसल इंस्टीट्यूट की जगह आर्मी एरिया के बॉर्डर से लगता हुआ है और ऐसे में डिफेंस बॉर्डर एरिया के पास मल्टीपल स्टोरी बिल्डिंग बनाने से पहले मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से परमिशन लेनी पड़ती है। पंचकूला आयुष इंस्टीट्यूट की जगह के समीप चंडीमंदिर कैंटोनमेंट का बॉर्डर है। हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ आयुष के अधिकारी चंडीमंदिर कैंटोनमेंट जाकर वहां के सीनियर आर्मी ऑफिशियल से मिलकर उनसे बिल्डिंग निर्माण की परमिशन मांगी। आर्मी ऑफिशियल की ओर से मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस दिल्ली को एनओसी के लिए आवेदन देने को कहा। इसके बाद केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से एनओसी के लिए आवेदन दिया गया है। नियम के मुताबिक आवेदन के 60 से 90 दिन के भीतर मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की ओर से बॉर्डर एरिया का सर्वे कर एनओसी जारी किया जाता है।
क्या कहना है अधिकारी का: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा के डायरेक्टर डॉ. संजीव शर्मा पंचकूला के आयुर्वेदा इंस्टीट्यूट का नोडल ऑफिसर हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए आर्मी से परमिशन जरूरी है।
श्रीमाता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ एमएस यादव ने बताया कि आर्मी ऑफिसर्स ने आयुर्वेद की जगह का मुआयना किया और आयुुर्वेद प्रोजेक्ट के डिजाइन के बारे में पूछा। केंद्रीय आयुष विभाग की सुपरविजन में काम किया जा रहा है।
पहले फेज के तहत 278 करोड़ रुपए खर्चे जाएंगे:
500 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में पहले फेज के तहत 278 करोड़ रुपए खर्चे जाएंगे। मिनिस्ट्री ऑफ आयुष की अब तक की प्लानिंग के मुताबिक 250 बेैड का अस्पताल बनाया जाएगा। साथ ही आयुर्वेेदिक इंस्टीट्यूट को 60 स्टूडेंट्स के बैच से शुरू किया जाएगा और धीरे-धीरे क्लासरूम की संख्या बढ़ाई जाएगी। यहां पर एमडी लेवल के कोर्स भी होंगे और एडवांस रिसर्च भी कराई जाएगी। खास बात यह है कि यहां पर विदेशी स्टूडेंट्स के लिए सीटें होंगी जो कि यहां आकर पढ़ाई कर पाएंगे।