- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद इमरान ने पीओके में स्वतंत्रता दिवस मनाया
- इमरान ने कहा- वह कश्मीर की आवाज उठाने के लिए एम्बेस्डर बने हैं
- पंजाब में बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स ने एक-दूसरे से मिठाइयां नहीं बांटीं
Dainik Bhaskar
Aug 14, 2019, 06:24 PM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने स्वतंत्रता दिवस को कश्मीरी लोगों के साथ एकजुटता दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था। उन्होंने विधानसभा में अपने भाषण में कहा कि भारत अब सिर्फ कश्मीर तक नहीं रुकेगा।वह बालाकोट से बड़े हमले की योजना बना रहा है। लेकिन हम तैयार हैं। हमारी फौज तैयार हैं। मैं अंतरराष्ट्रीय संगठनों को संदेश देना चाहता हूं यदि जंग हुई तो दुनिया जिम्मेदार होगी। हम इसके आखिरी अंजाम तक लड़ेंगे। उन्होंने कहा, “भारत ने पीओके में कुछ किया तो हम इसका जवाब देंगे। उसकी ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।
पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान ने भाषण के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि भारत में आरएसएस की विचारधारा का खतरा आज काफी बढ़ चुका है। यह विचारधारा उसी प्रकार की है जब नाजी ने जर्मनी में कत्लेआम किया था। कश्मीर में भी भारत मुस्लिमों की जनसांख्यिकी बदलने का प्रयास कर रहा है।
मोदी ने रणनीतिक चूक की है: इमरान
इमरान ने कहा, “पिछले पांच साल में इस विचारधारा ने कश्मीर में क्रूरता फैला रखी है। अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला नरेंद्र मोदी का आखिरी कार्ड था। मोदी ने रणनीतिक रूप से चूक की है। उन्होंने इसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है और मैं कश्मीर की आवाज को मजबूती के साथ उठाऊंगा। विश्व की नजर आज कश्मीर और पाकिस्तान पर है। कश्मीर की आवाज उठाने के लिए मैं राजदूत बना हूं।”
भारत में विपक्षी नेता डर के साथ बोलते हैं: इमरान
उन्होंने कहा, “एक सामान्य व्यक्ति कश्मीर की महिलाओं के बारे में इस तरह का बयान नहीं दे सकता। देश में आरएसएस की विचारधारा ने संविधान को खोखला कर दिया है। वहां की सरकार मीडिया को नियंत्रित करती है। विपक्षी नेता डर के साथ बोलते हैं। बुद्धिजीवी सरकार के बारे में बोलने से डरते हैं। भाजपा भारत को विनाश के रास्ते पर ले जा रही है। वहां लोग डर कर जीने को मजबूर हैं।”
ईद पर दोनों सेनाओं के बीच मिठाईयों का आदान-प्रदान नहीं हुआ
इससे पहले, दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर पंजाब में अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान की स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच मिठाईयां और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान नहीं हुआ। इस परंपरा को तोड़ते हुए दोनों तरफ की सेनाओं ने इस साल ईद के अवसर पर मिठाईयों का आदान-प्रदान नहीं किया।