- मेडल देने वाला भी पूछता है आप में से ‘उदय कौन और विजय कौन’
- ऑफिशियल्स दोनों को एक ही समय शूटिंग कराते हैं, ताकि गड़बड़ न हो जाए.
Dainik Bhaskar
Aug 02, 2019, 07:53 AM IST
चंडीगढ़ (गौरव मारवाह). मैं तेजा हूं, मार्क इधर है… 1994 में आई अंदाज अपना-अपना फिल्म में परेश रावल का ये डायलॉग खूब मशहूर हुआ था। इस फिल्म में परेश रावल के डबल रोल ने सभी को कन्फ्यूज किया था। इस तरह सिटी ट्विन ब्रदर उदयवीर सिंह सिद्धू और विजयवीर सिद्धू भी शूटिंग ऑफिशियल्स को कन्फ्यूज करते हैं। दोनों भाइयों की शक्ल इस कदर मिलती है कि मेडल जीतने के बाद ऑफिशियल्स भी उनसे पूछते हैं कि आप में ‘विजय कौन है और उदय कौन’। वीरवार को भी दोनों ने दिल्ली की कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में गोल्ड और सिल्वर मेडल चंडीगढ़ की ओर से जीता। डीएवी कॉलेज के ही तीन शूटर्स टॉप पर रहे। विजय और उदय के बाद अर्जुन चीमा ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।
एक ही समय करते हैं शूटिंग
दोनों भाइयों की शक्ल एकदम मिलती है और रेंज पर ऑफिशियल्स भी इसे देखकर हैरान रह जाते हैं। वे दोनों भाइयों को अलग-अलग स्लॉट में नहीं, बल्कि एक ही समय में शूटिंग कराते हैं, ताकि एक भाई दूसरे भाई की जगह शूटिंग न कर ले। यहां तक की पोडियम पर भी मेडल देते समय दोनों भाइयों से उनके नाम ऑफिशियल्स पूछ लेते हैं। ‘खेलो इंडिया’ के साथ-साथ कई इंटरनेशनल चैंपियनशिप में भी दोनों भाइयों की मिलती शक्ल ने ऑफिशियल्स को परेशान किया था।
मामा को भी पहचान नहीं, मां पहचान लेती है
विजयवीर और उदयवीर सिंह की मिलती शक्ल की पहचान अभी तक उनके मामा को भी नहीं हुई है। उनकी मां को एक झलक में अपने बेटों की पहचान हो जाती है और दोनों भाई मेडल सीधा आकर अपनी दादी के गले में डालते हैं। उन्हें भी दोनों की अच्छी तरह से पहचान है। मामा सतवंत सिंह मोहाली पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और कहते हैं कि उदय के दाएं कान के पास तिल है जिससे मैं उन्हें पहचानता हूं। सामने से देखकर तो मैं भी दोनों भाइयों में फर्क नहीं कर सकता।