- पाक पुलिस ने कथित जासूस को फिलहाल गुप्त स्थान पर रखा है
- पाक इससे पहले भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर भी जासूसी का आरोप लगा चुका है
- कुलभूषण मामले में इस साल जुलाई में ही आईसीजे ने पाक के दावों के उलट फैसला सुनाया
Dainik Bhaskar
Aug 01, 2019, 08:59 AM IST
इस्लामाबाद. कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत की तरफ से भारत के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद पाक बौखला गया है। गुरुवार को एक बार फिर उसने भारतीय जासूस पकड़ने का दावा किया। पाक पुलिस का कहना है कि उसने पंजाब प्रांत के डेरा गाजी खान (डीजी खान) शहर से एक जासूस को पकड़ा है, जिसने खुद के भारतीय होने की बात मानी है।
पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कथित जासूस का नाम राजू लक्ष्मण है। उसे बुधवार को लाहौर से 400 किमी दूर डीजी खान के राखी गज इलाके से पकड़ा गया। पुलिस का कहना है कि लक्ष्मण बलूचिस्तान प्रांत से डीजी खान आने की कोशिश कर रहा था। फिलहाल उसे आगे की जांच के लिए गुप्त स्थान पर ले जाया गया है।
पाक ने कहा था- जाधव बिजनेसमैन नहीं, बल्कि जासूस
इससे पहले पाक ने कहा था उसकी सेना ने 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया था। वह ईरान से पाकिस्तान में दाखिल हुआ था। पाक का दावा था कि भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि जासूस है। हालांकि, भारत ने सबूत पेश कर दावा किया था कि पाक ने जाधव को ईरान से किडनैप किया। जाधव वहां नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस करने की कोशिश में थे।
आईसीजे ने जाधव की फांसी की सजा निलंबित की थी
पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने पिछले महीने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया था। अदालत के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा निलंबित कर दी। कोर्ट के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कहा कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार नहीं कर लेता, फांसी पर रोक जारी रहेगी।
पाक ने विएना संधि का उल्लंघन किया- आईसीजे
1. कोर्ट के अध्यक्ष सोमालिया के जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने 42 पन्नों के फैसले में कहा था कि पाकिस्तान जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से अपने फैसले की समीक्षा और पुनर्विचार नहीं कर लेता है, तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक रहेगी।
2. आईसीजे ने कहा- पाकिस्तान ने कुलभूषण के साथ भारत की बातचीत और कॉन्स्यूलर एक्सेस के अधिकार को दरकिनार किया। पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण के लिए कानूनी प्रतिनिधि मुहैया कराने का मौका नहीं दिया। पाक ने विएना संधि के तहत कॉन्स्यूलर रिलेशन नियमों का उल्लंघन किया।
3. जजों ने कहा- पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण जाधव के साथ बातचीत और मुलाकात के अधिकार से वंचित रखा। भारत ने कई बार कॉन्स्यूलर एक्सेस के लिए अपील की, जिस पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। यह एक निर्विवाद तथ्य है कि पाकिस्तान ने भारत की अपील नहीं मानी।
4. “पाकिस्तान विएना संधि के तहत कुलभूषण की गिरफ्तारी और उसके कारावास के संबंध में भारत को जानकारी देने के लिए बाध्य था। पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की जानकारी देने में तीन हफ्ते की देरी कर दी, यह भी विएना संधि की शर्तों का उल्लंघन है। पाकिस्तान यह नहीं स्पष्ट कर पाया कि कथित तौर पर भारत की किसी गड़बड़ी की वजह से उसने खुद को संधि की शर्तों को पूरा करने से खुद को रोक लिया।’
5. अंतरराष्ट्रीय कानूनी सलाहकार रीमा ओमेर ने कहा- कोर्ट ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आर्टिकल 36(1) यानी कॉन्स्यूलर एक्सेस दिए जाने के उल्लंघन के संदर्भ में अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।