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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

प्रोग्राम में नॉयस पॉल्यूशन हो तो जब्त कर ली जाए एडवांस में ली गई राशि

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  • हाईकोर्ट का ऑर्डर वकीलों की कमेटी के सुझाव कानून के मुताबिक लागू हों
  • टाइम देने के बाद भी चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार ने रिपोर्ट पर जवाब नहीं दिया

  • रात को तेज आवाज में चलता है डीजे

Dainik Bhaskar

Jul 23, 2019, 09:54 AM IST

चंडीगढ़. नॉयस पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए छह वकीलों की कमेटी की रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासन के साथ पंजाब व हरियाणा सरकार को भी हाईकोर्ट ने लागू करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस राजीव शर्मा और जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने कहा कि काफी समय देने के बावजूद चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार ने रिपोर्ट पर कोई जवाब नहीं दिया। ऐसे में अब चंडीगढ़ प्रशासन के साथ-साथ पंजाब व हरियाणा सरकार भी वकीलों की कमेटी के सुझाव कानून के मुताबिक लागू करें।

रिपोर्ट में कहा गया था कि चंडीगढ़ में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए एक तय राशि एडवांस में ली जाए। नॉयस पॉल्यूशन होने पर राशि जब्त कर ली जाए। न होने पर राशि रिफंड कर दी जाए।

कैपेन चलाएं
नॉयस पॉल्यूशन कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि इस मामले में कानून तो है लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा। इसके दुष्प्रभाव को लेकर धार्मिक संस्थाओं समेत सभी लोगों को जागरुक करने की जरूरत है। इसे एक अभियान की तरह चलाना चाहिए। सभी संबंधित अथॉरिटीज के पास माॅडर्न नॉयस पॉल्यूशन मॉनिटरिंग डिवाइस होनी चाहिए। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए एक कॉमन हॉट लाइन नंबर होना चाहिए जिस पर शिकायत की जा सके।

कमेटी में 6 वकील रहे
छह वकीलों की कमेटी में कुल तीन सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन, रीटा कोहली और अक्षय भान शामिल रहे जबकि उनके साथ पंजाब के लॉ अफसर शिरीष गुप्ता, हरियाणा के लॉ अफसर दीपक बलियान और चंडीगढ़ के सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल पंकज जैन थे।

मोहाली के एसएसपी ने ही जवाब दिया

सुनवाई के दौरान मोहाली के एसएसपी की तरफ से 15 जुलाई को एफिडेविट दायर कर कहा गया कि कमेटी के सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और इसके बाद इन्हें कानून के मुताबिक लागू किया जाएगा।

क्या कहता है कानून?
ध्वनि प्रदूषण (अधिनियम और नियंत्रण) कानून, 2000 पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 के तहत आता है। धारा 5 के मुताबिक लाउडस्पीकर्स और सार्वजनिक स्थलों पर बजने वाले यंत्रों पर मनमाने अंदाज में बजने पर अंकुश है।
1. लाउडस्पीकर या सार्वजनिक स्थलों पर यंत्र बजाने के लिए प्रशासन से लिखित में अनुमति लेनी होगी।
2. सार्वजनिक स्थलों पर तेज आवाज में रात में गीत नहीं बजाए जा सकेंगे। रात 10 से सुबह 6 बजे तक बजाने पर रोक है। ऑडिटोरियम, कम्युनिटी और बैंक्वेट हॉल जैसे बंद कमरों या हॉल में इसे बजाया जा सकता है।

हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था

पंजाब और हरियाणा के मैरिज पैलेसेज फार्म हाउस व प्राईवेट फार्म हाऊस में विवाह समारोह में ऊंची आवाज में म्यूजिक सिस्टम बजने के मामलों पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। जस्टिस जीएस संधावालिया ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न केसों में जारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए ऊंची आवाज में म्युजिक बजाया जा रहा है। हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ रहा है।
3. सरकार किसी संगठन या धार्मिक कार्यक्रम के दौरान लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति रात 10 से बढ़ाकर 12 बजे तक दे सकती है।
4. राज्य सरकार के पास यह अधिकार होता है कि वह क्षेत्र के हिसाब से किसी को भी औद्योगिक, व्यावसायिक, आवासीय या शांत क्षेत्र घोषित कर सकता है।