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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

एशिया का सबसे पुराना टूर्नामेंट डुरंड कप दो साल बाद फिर खेला जाएगा, टूर्नामेंट दो अगस्त से शुरू होगा

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  • 131 साल पहले 1888 में टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी, पहली बार टूर्नामेंट के मुकाबले दिल्ली की जगह कोलकाता में
  • टिकट की कीमत 20 से 100 रुपए के बीच होगी, इस बार टूर्नामेंट में 16 टीमें शामिल हो रही हैं

Dainik Bhaskar

Jul 19, 2019, 09:25 AM IST

खेल डेस्क. एशिया का सबसे पुराना और दुनिया का तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट डुरंड कप दो साल बाद फिर खेला जाएगा। 2 से 24 अगस्त तक होने वाले टूर्नामेंट में 16 टीमें उतर रही हैं। ईस्ट बंगाल और मोहन बागान ने सबसे ज्यादा 16-16 बार टूर्नामेंट का खिताब जीता है। 1888 से खेले जा रहे टूर्नामेंट का यह 131वां साल है। आजादी के बाद टूर्नामेंट के मुकाबले पहली बार दिल्ली के बाहर कोलकाता में खेले जाएंगे। टिकट के दाम 20 से 100 रुपए के बीच रखे गए हैं। आयोजकों ने बताया कि बंगाल का सबसे पसंदीदा खेल फुटबाॅल ही है। इसलिए उसे आयोजन के लिए चुना गया।

टूर्नामेंट की 16 टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया। हर टीम को तीन ग्रुप मैच खेलने का मौका मिलेगा। ग्रुप की टॉप टीम सेमीफाइनल में जाएगी। 24 अगस्त को फाइनल खेला जाएगा। टूर्नामेंट की टोटल प्राइज मनी 70 लाख रुपए है। चैम्पियन को 40 लाख रुपए जबकि रनरअप को 20 लाख रुपए मिलेंगे। सेमीफाइल मुकाबले हारने वाले दोनों टीमों को 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे। वहीं 2011 में प्राइज मनी का बजट 1.54 करोड़ रुपए था लेकिन चैंपियन को 20 लाख जबकि रनरअप को 10 लाख रुपए मिलते थे। टूर्नामेंट की शुरुआत में विजेता और रनरअप टीम को केवल ट्रॉफी दी जाती थी। प्राइज मनी देने का नियम नहीं था।

विदेश सचिव मार्टिमर डुरंड ने सेहत को खेल से जोड़ने के लिए टूर्नामेंट की शुरुआत की थी
1884 से 1894 तक भारत में बतौर विदेश सचिव रहे ब्रिटेन के मार्टिमर डुरंड ने टूर्नामेंट शुरू किया था। बीमारी के दौरान जब वे शिमला में थे तब उन्होंने सेहत को खेल से जोड़ने के लिए 1888 में इसकी शुरुआत की। पहला टूर्नामेंट शिमला में ही खेला गया। शुरुआत में इसमें सेना की ही टीमें उतरती थीं। 1940 में पहली बार अन्य क्लब को इसमें शामिल होने की अनुमति दी गई।

इस साल मोहम्मद स्पोर्टिंग ने टूर्नामेंट का खिताब जीता। वह यह खिताब जीतने वाला पहला भारतीय क्लब भी बना था। अब तक 26 टीमें टूर्नामेंट का खिताब जीत चुकी हैं। आजादी के बाद भारतीय सेना की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा था। 2006 से आर्ट हाउस ओसिअंस को टूर्नामेंट के मैनेजमेंट और आयोजन की जिम्मेदारी दी गई। 2016 में अंतिम बार हुए टूर्नामेंट का खिताब आर्मी ग्रीन ने जीता था।

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