- इसे 2020 में ऑफिशियल लॉन्च किया जाएगा, फिलहाल इस पर टेस्टिंग की जा रही है
- फेसबुक के सभी प्लेटफार्म जैसे वॉट्सऐप, मैसेंजर और इंस्टाग्राम से इसे इस्तेमाल किया जा सकेगा
Dainik Bhaskar
Jun 18, 2019, 07:28 PM IST
गैजेट डेस्क. फेसबुक ने आखिरकार मगंलवार को अपने क्रिप्टोकरेंसी प्लान को ग्लोबली पेश किया। कंपनी के अनुसार नई डिजिटल करेंसी को तैयार किया जाएगा जिसका बिटकॉइन के तर्ज पर ही ग्लोबली इस्तेमाल किया जाएगा। इसे ई-कॉमर्स सर्विस को बढ़ावा मिलेगा साथ ही विज्ञापनों के जरिए ज्यादा कमाई के अवसर भी मिलेंगे। फेसबुक इसे पेपाल, उबर, स्पॉटिफाई, वीजा, मास्टरकार्ड समेत 28 कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है। कंपनी ने साथ ही फेसबुक के डिजिटल वॉलेट कालिबरा के बारे में भी बताया जिसके जरिए दुनियाभर में पेमेंट करना फोटो भेजने जितना आसान हो जाएगा।
इन कंपनियां के साथ की फेसबुक ने पार्टनरशिप
फिलहाल फेसबुक इसके प्राइवेसी को लेकर कानूनी प्रकिया से गुजर रही है। डेटा प्राइवेसी के विवादों को पहले से झेल रही फेसबुक अब करेंसी बनाने जा रही है जिससे बैंक, नेशनल करेंसी और यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। हालांकि फेसबुक का कहना है कि यह यूजर की बैंकों डिटेल और पेमेंट संबंधित सारी जानकरियों को सुरक्षित रखेगा।
कंपनी का कहना है कि यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करेगा जिसके जरिए लोग पैसों का ट्रांजेक्शन कर सकेंगे, जिसमें पैसे भेजना, पैसे रिसीव करना और उन्हें सेव करना शामिल है। कंपनी के अधिकारी डेविड मार्केस का कहना है कि कालिबरा से दुनिया के अरबों लोगों तक ओपन फाइनेंशियल इकोसिस्टम पहुंचाने की संभावना है।
आम यूजर को क्या फायदा
कंपनी का कहना है कि इसे 2020 तक आम लोगों के लिए जारी कर दिया जाएगा। इसे फेसबुक के सभी प्लेटफार्म जैसे मैसेंजर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम से इस्तेमाल किया जा सकेगा। कंपनी के मुताबिक इसमें यूजर का डेटा तो सुरक्षित होगा वहीं कंपनी डेटा सिक्योरिटी के लिए वैरिफिकेशन प्रोसेस और लाइव सपोर्ट सिस्टम भी रखेंगी।
- फेसबुक मैसेंजर पर पैसे भेजे और रिसीव किए जा सकेंगे।
- वॉट्सऐप के जरिए भी ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।
- इसके लिए एक खास डिजिटल वॉलेट ऐप बनाई जाएगी, जिसमें ट्रांजेक्शन ट्रैक किया जा सकेगा।
- इसके जरिए पैसे भेजने के लिए कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं लिया जाएगा।
- ग्राहकों को लाइव सपोर्ट की सुविधा मिलेगी।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है। इसे डिजिटल वॉलेट में रखकर ही लेन-देन किया जा सकता है। यह 2009 में सबसे पहले दुनिया के सामने आई। इसके जरिए बिना बैंक को माध्यम बनाए लेन-देन किया जा सकता है। हालांकि भारत में इस मुद्रा को न तो आधिकारिक अनुमति है और न ही इसे रेग्युलेट करने का कोई नियम बना है।